Diwali 2022: जानिए दिवाली के पांच दिनों की महत्वपूर्ण जानकारियां, धनतेरस से लेकर भाई दूज तक के दिए गए हैं शुभ मुहूर्त
Diwali 2022 |
Diwali 2022: दिवाली का त्योहार (Diwali Festival) पांच दिन तक मनाया जाता है। जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और इसका अंत भाई दूज से होता है। यहां हम आपको न केवल दिवाली की बल्कि दीपावली (Deepawali) के पूरे पांच की दिन जानकारी देने वाले हैं। जिसमें धनतेरस,नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज शामिल हैं तो बिना किसी देरी के चलिए जानती हैं दिवाली के पांच दिनो की महत्वपूर्ण जानकारियां
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धनतेरस (धन्वन्तरि त्रयोदशी)
धनतेरस पूजा शनिवार, अक्टूबर 22, 2022 पर
धनतेरस पूजा मुहूर्त - 07:01 PM से 08:17 PM
अवधि - 01 घण्टा 16 मिनट्स
प्रदोष काल - 05:45 PM से 08:17 PM
वृषभ काल - 07:01 PM से 08:56 PM
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 22, 2022 को 06:02 PM बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त - अक्टूबर 23, 2022 को 06:03 PM बजे
(धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज, धन के देवता कुबेर और आयुर्वेदाचार्य धन्वंतरि की पूजा का महत्व है। इसी दिन समुद्र मंथन में भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे)
यम दीपम
यम दीपम शनिवार, अक्टूबर 22, 2022 को
यम दीपम सायान्ह सन्ध्या - 06:02 PM से 07:01 PM
अवधि - 00 घण्टे 59 मिनट्स
(एक दीपक मृत्यु के देवता यमराज के लिए घर के बाहर जलाया जाता है। परिवार के किसी भी सदस्य की असामयिक मृत्यु से बचने के लिए और सदस्यों की सुरक्षा के लिए इसे यम दीपम के नाम से जाना जाता है त्रयोदशी तिथि को इस अनुष्ठान को यमराज के लिए दीपदान या यम दीपम के रूप में जाना जाता है। दीपक को सन्ध्याकाल में जलाया जाता है। ऐसी अवधारणा है कि दीपदान से यमदेव प्रसन्न होते है और परिवार के सदस्यों की अकाल मृत्यु से सुरक्षा करते है।)
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छोटी दिवाली
(काली चौदस, हनुमान जयंती, रूप चौदस, नरक चौदस और छोटी दिवाली )
काली चौदस रविवार, अक्टूबर 23, 2022 को
काली चौदस मुहूर्त - 11:40 PM से 12:31 AM, अक्टूबर 24
अवधि - 00 घण्टे 51 मिनट्स
हनुमान पूजा रविवार, अक्टूबर 23, 2022 को
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 23, 2022 को 06:03 PM बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त - अक्टूबर 24, 2022 को 05:27 PM बजे
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नरक चतुर्दशी पर अभ्यंग स्नान
नरक चतुर्दशी सोमवार, अक्टूबर 24, 2022 को
अभ्यंग स्नान मुहूर्त - 05:06 AM से 06:27 AM
अवधि - 01 घण्टा 22 मिनट्स
नरक चतुर्दशी के दिन चन्द्रोदय का समय - 05:06 AM
चन्द्रोदय और चतुर्दशी के दौरान अभ्यंग स्नान
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 23, 2022 को 06:03 PM बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त - अक्टूबर 24, 2022 को 05:27 पी एम बजे
(इस दिन को लेकर मान्यता है कि इस दिन सूर्योदय से पूर्व उबटन एवं स्नान करने से समस्त पाप समाप्त हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं इस दिन से एक ओर मान्यता जुड़ी हुई है जिसके अनुसार इस दिन उबटन करने से रूप व सौंदर्य में वृद्धि होती है।)
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बड़ी दिवाली (दीपावली )
लक्ष्मी पूजा सोमवार, अक्टूबर 24, 2022 पर
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - 06:53 PM से 08:16 PM
अवधि - 01 घण्टा 23 मिनट्स
प्रदोष काल - 05:43 PM से 08:16 PM
वृषभ काल - 06:53 PM से 08:48 PM
अमावस्या तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 24, 2022 को 05:27 PM बजे
अमावस्या तिथि समाप्त - अक्टूबर 25, 2022 को 04:18 PM बजे
निशिता काल मुहूर्त
निशिता काल - 11:40 PM से 12:31 AM, अक्टूबर 25
सिंह लग्न - 01:23 AM से 03:41 AM, अक्टूबर 25
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त स्थिर लग्न के बिना
अमावस्या तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 24, 2022 को 05:27 PM बजे
अमावस्या तिथि समाप्त - अक्टूबर 25, 2022 को 04:18 PM बजे
दीवाली लक्ष्मी पूजा
अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) - 05:27 PM से 05:43 PM
सायाह्न मुहूर्त (चर) - 05:43 PM से 07:18 PM
रात्रि मुहूर्त (लाभ) - 10:30 PM से 12:05 AM, अक्टूबर 25
उषाकाल मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) - 01:41 AM से 06:28 AM, अक्टूबर 25
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सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर
नई दिल्ली में आंशिक/खण्डग्रास सूर्य ग्रहण
ग्रहण प्रारम्भ काल - 04:28 PM
परमग्रास - 05:30 PM सूर्यास्त के साथ ग्रहण समाप्त होगा
खण्डग्रास की अवधि - 01 घण्टा 13 मिनट्स 30 सेकण्ड्स
अधिकतम परिमाण - 0.55
सूर्यास्त के समय परिमाण - 0.51
सूतक प्रारम्भ - 03:17 AM सूतक समाप्त - 05:42 PM
बच्चों, बृद्धों और अस्वस्थ लोगों के लिये सूतक प्रारम्भ - 12:05 PM
बच्चों, बृद्धों और अस्वस्थ लोगों के लिये सूतक समाप्त - 05:42 PM
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गोवर्धन पूजा बुधवार, अक्टूबर 26, 2022 को
गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त - 06:29 AM से 08:43 AM
अवधि - 02 घण्टे 14 मिनट्स
द्यूत क्रीड़ा बुधवार, अक्टूबर 26, 2022 को
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 25, 2022 को 04:18 PM बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त - अक्टूबर 26, 2022 को 02:42 PM बजे
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भाई दूज (यम द्वितीया)
भाई दूज बुधवार, अक्टूबर 26, 2022 को
भाई दूज अपराह्न समय - 01:12 PM से 03:27 PM
अवधि - 02 घण्टे 14 मिनट्स
द्वितीया तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 26, 2022 को 02:42 PM बजे
द्वितीया तिथि समाप्त - अक्टूबर 27, 2022 को 12:45 PM बजे
(भाई दूज और यम द्वितीया कहते हैं। भाई दूज, पांच दिवसीय दीपावली महापर्व का अंतिम दिन होता है। भाई दूज का पर्व भाई-बहन के रिश्ते को प्रगाढ़ बनाने और भाई की लंबी उम्र के लिए मनाया जाता है। रक्षाबंधन के दिन भाई अपनी बहन को अपने घर बुलाता है जबकि भाई दूज पर बहन अपने भाई को अपने घर बुलाकर उसे तिलक कर भोजन कराती है और उसकी लंबी उम्र की कामना करती है)
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दिवाली कब मनाई जाती है?
कार्तिक मास में अमावस्या के दिन प्रदोष काल होने पर दीपावली (महालक्ष्मी पूजन) मनाने का विधान है। यदि दो दिन तक अमावस्या तिथि प्रदोष काल का स्पर्श न करे तो दूसरे दिन दिवाली मनाने का विधान है। यह मत सबसे ज्यादा प्रचलित और मान्य है।
वहीं, एक अन्य मत के अनुसार, अगर दो दिन तक अमावस्या तिथि, प्रदोष काल में नहीं आती है, तो ऐसी स्थिति में पहले दिन दिवाली मनाई जानी चाहिए।
इसके अलावा यदि अमावस्या तिथि का विलोपन हो जाए, यानी कि अगर अमावस्या तिथि ही न पड़े और चतुर्दशी के बाद सीधे प्रतिपदा आरम्भ हो जाए, तो ऐसे में पहले दिन चतुर्दशी तिथि को ही दिवाली मनाने का विधान है।
देवी लक्ष्मी का पूजन प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त) में किया जाना चाहिए। प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में पूजन करना सर्वोत्तम माना गया है। इस दौरान जब वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुंभ राशि लग्न में उदित हों तब माता लक्ष्मी का पूजन किया जाना चाहिए। क्योंकि ये चारों राशि स्थिर स्वभाव की होती हैं। मान्यता है कि अगर स्थिर लग्न के समय पूजा की जाये तो माता लक्ष्मी अंश रूप में घर में ठहर जाती है।
महानिशीथ काल के दौरान भी पूजन का महत्व है लेकिन यह समय तांत्रिक, पंडित और साधकों के लिए ज्यादा उपयुक्त होता है। इस काल में मां काली की पूजा का विधान है। इसके अलावा वे लोग भी इस समय में पूजन कर सकते हैं, जो महानिशिथ काल के बारे में समझ रखते हों।
इस साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 24 और 25 अक्टूबर दोनों दिन पड़ रही है। लेकिन 25 अक्टूबर को अमावस्या तिथि प्रदोष काल से पहले ही समाप्त हो रही है। वहीं 24 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या तिथि होगी। 24 अक्टूबर को निशित काल में भी अमावस्या तिथि होगी। इसलिए इस साल 24 अक्टूबर को ही पूरे देश में दीवाली का पर्व मनाया जाएगा।
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