Header Ads

Annapurna Jayanti 2022 Kab Hai: अन्नपूर्णा 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

annapurna jayanti 2021 date and time importance and puja vidhi
Annapurna Jayanti 2022 Date

Annapurna Jayanti 2022 Kab Hai: मार्गशीष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार इसी माता पार्वती अन्नपूर्णा रूप धारण किया था और भगवान शिव ने मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी। माना जाता है कि इस दिन मां अन्नपूर्णा की पूजा करने से घर में धन और धान्य की कभी भी कोई कमीं नहीं रहती तो चलिए जानते हैं अन्नपूर्णा जयंती 2022 में कब है (Annapurna Jayanti 2022 Mein Kab Hai), अन्नपूर्णा जयंती का शुभ मुहूर्त (Annapurna Jayanti Ka Shubh Muhurat), अन्नपूर्णा जयंती का महत्व और अन्नपूर्णा जयंती की पूजा विधि (Annapurna Jayanti Importance And Annapurna Jayanti Puja Vidhi)

ये भी पढ़ें- Dattatreya Jayanti 2022 Kab Hai: दत्तात्रेय जयंती 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त,महत्व और पूजा विधि

अन्नपूर्णा जयन्ती का महत्व (Annapurna Jayanti Ka Mahatva) 

अन्नपूर्णा जयन्ती मागर्शीष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाई जाती है। जब पृथ्वीं पर लोगों के पास खाने के लिए कुछ नहीं था तो मां पार्वती ने अन्नापूर्णा का रूप रखकर पृथ्वीं को इस संकट से निकाला था। अन्नपूर्णा जयन्ती का दिन मनुष्य के जीवन में अन्न के महत्व को दर्शाता है। इस दिन रसोई की सफाई और अन्न का सदुपयोग बहुत जरूरी होता है। माना जाता है कि इस रसोई की सफाई करने और अन्न का सदुपयोग करने से मनुष्य के जीवन में कभी भी धन धान्य की कमीं नही होती। इसलिए अन्न का सदुपयोग अवश्य करना चाहिए।

अन्नापूर्णा जयंती के दिन मां पार्वती के अन्नापूर्णा स्वरूप की पूजा करने से घर में कभी भी अन्न की कोई कमीं नही होती। जो भी व्यक्ति इस दिन मां अन्नपूर्णा का आराधना करता है। उसे मां का आर्शीवाद अवश्य प्राप्त होता है। इस दिन अन्न दान को भी विशेष माना जाता है। यदि इस दिन कोई व्यक्ति अन्न का दान करता है तो उसे न केवल इस जन्म में बल्कि अगले जन्म में भी धन और धान्य की कभी कोई कमीं नही होती। इसलिए यह दिन मां अन्नापूर्णा की आराधना के लिए विशेष माना जाता है।

अन्नपूर्णा जयन्ती पूजा विधि (Annapurna Jayanti Puja Vidhi) 

1.अन्नपूर्णा जंयती के दिन साधक को सुबह जल्दी स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करके रसोई और चूल्हे की अच्छी तरह से सफाई करनी चाहिए।

2. इसके बाद मां अन्नापूर्णा की प्रतिमा या तस्वीर को किसी चौकी पर स्थापित करें और सूत का धागा लेकर उसमें 17 गांठे लगाएं और उस धागे पर चंदन और कुमकुम लगाकर मां अन्नापूर्णा के चित्र के आगे रखें। 

3. इसके बाद 10 दूर्वा, 10 अक्षत अर्पित करने चाहिए। 

4. इसके बाद मां अन्नापूर्णा की धूप व दीप आदि से विधिवत पूजा करें। 

5. इसके बाद मां अन्नापूर्णा से प्रार्थना करें कि हे मां मुझे धन, धान्य, पशु पुत्र, आरोग्यता ,यश आदि सभी कुछ दें। हे देवी मैं आपको प्रणाम करता हूं। 

6. इसके बाद पुरुष इस धागे को दाएं हाथ की कलाई पर और महिला इस धागे को बाएं हाथ की कलाई पर पहन लें। 

7. इसके बाद मां अन्नपूर्णा की कथा सुने या पढ़ें।

8. उन्हें घर में बनाए गए किसी भी प्रसाद का भोग लगाएं और उनकी धूप व दीप से आपती उतारें। 

9. इसके बाद 17 हरे धान के चावल और 16 दूर्वा लेकर मां अन्नापूर्णा की प्रार्थना करें और कहें हे आप तो सर्वशक्तिमयी हैं, इसलिए सर्वपुष्पयी ये दूर्वा मैं आपको समर्पित करता हूं। 

10.जब पूजा समाप्त हो जाए तो इसके बाद किसी निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को अन्न का दान अवश्य करें।

ये भी पढ़ें- Margashirsha Purnima 2022 Kab Hai: मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2022 में कब है,जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

अन्नपूर्णा जयन्ती 2022 तिथि (Annapurna Jayanti 2022 Date And Time) 

8 दिसम्बर 2022 

अन्नपूर्णा जयन्ती 2022 शुभ मुहूर्त (Annapurna Jayanti 2022 Shubh Muhurat) 

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - सुबह 10 बजकर 31 मिनट से (7 दिसम्बर 2022)

पूर्णिमा तिथि समाप्त - अगले दिन दोपहर 12 बजकर 07 मिनट तक (8 दिसम्बर 2022)




कोई टिप्पणी नहीं

If you have and doubts. Please Let Me Know

Blogger द्वारा संचालित.