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Gun Milan in Kundli: जानिए कैसा होता है कुंडली में 36 गुण का मिलना, शुभ या अशुभ

 

Gun milan in kundli Know how it is to meet 36 qualities in the horoscope auspicious or inauspicious
Gun Milan in Kundali

Gun Milan in Kundali: एक सफल गृहस्थ जीवन के लिए पति-पत्नी के बीच गुणों का मिलना बहुत जरुरी होता है, ये गुण कुंडली के द्वारा मिलाए जाते हैं। किसी भी मनुष्य की कुंडली उसकी जन्म तारीख, समय और स्थान के आधार पर बनाई जाती है। जन्म के समय गृह नक्षत्रों की स्थिति को देखते हुए ये कुंडली बनती है। फिर शादी के समय लड़का लड़की का कुंडली मिलान होता है। 

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर - जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैवाहिक दृष्टि से  कुंडली मिलान इन पांच महत्वपूर्ण आधार पर किया जाता है - कुंडली अध्ययन,भाव मिलान, अष्टकूट मिलान, मंगल दोष विचार, दशा विचार। उत्तर भारत में गुण मिलान के लिए अष्टकूट मिलान प्रचलित है जबकि दक्षिण भारत में दसकूट मिलान की विधि अपनाई जाती है। उपरोक्त पांच महत्वपूर्ण पहलुओं में से विचारणीय पहलू अष्टकूट मिलान के महत्वपूर्ण आठ कूटो का विचार होता है। अष्टकूट मिलान अर्थात आठ प्रकार से वर एवं कन्या का परस्पर मिलान को गुण मिलान के रूप में जाना जाता है।

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि जब भी शादी की बात आती है तो सबसे पहले कुंडली मिलान के बारे में सोच विचार किया जाता है। इसके लिए लड़के और लड़की दोनों के ही वर्ण मिलाए जाते हैं। इससे यह पता चलता है कि दोनों एक दूसरे के लिए बने है या नहीं। शादी विवाह के मामले में कुंडली मिलान को बेहद की खास माना जाता है। कई लोगों का मानना है कि अगर किसी के 36 में से 36 गुण मिलते हैं तो ऐसा होना बहुत ही शुभ रहता है। लेकिन, ऐसा नहीं है। कुंडली मिलान से लोग सिर्फ गुण मिलना ही समझते हैं लेकिन, शादी के लिए और भी कई चीजों को देखा जाता है। तो आइए जानते हैं क्या है कुंडली मिलान से जुड़ी कुछ खास बांतें।

कितने प्रकार के गुण

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि गुण मिलान में कुल 8 गुण देखे जाते हैं। हर गुण का अपने एक अलग अंक होता है। इसके आधार पर ही यह तय किया जाता है कि कुल कितने गुण मिलते हैं। सबसे पहले जानते हैं 8 गुण क्या है और उनके अंक क्या हैं। वर्ण जिसका अंक 1, वश्य जिसका अंक 2, तारा का अंक 3, योनि का अंक 4 होता है। इसी तरह ग्रह मैत्री 5 अंक, गण 6 अंक, भकूट 7 अंक, नाड़ी 8 अंक इन सभी को मिलाकर कुल 36 गुण बनते हैं।

गुण मिलने पर उत्तम रहता है विवाह

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति के 18 से कम गुण मिलते हैं तो ऐसा विवाह के सफल होने की संभावना बहुत कम होती है। वहीं, अगर किसी व्यक्ति के 18 से 25 गुण मिलते हैं तो ऐसा होने विवाह के लिए अच्छा माना जाता है। वहीं, अगर 25 से 32 गुण मिलते हैं तो यह विवाह के लिए उत्तम माने जाते हैं। कहा जाता है कि ऐसा विवाह सफल होते हैं। अगर किसी के 32 से 36 गुण मिलते हैं तो ऐसे होने बहुत ही उत्तम माना जाता है। ऐसा विवाह सफल रहता है।

18 से कम- विवाह योग्य नहीं अथवा असफल विवाह। 

18 से 25- विवाह के लिए अच्छा मिलान। 

25 से 32- विवाह के उत्तम मिलान, विवाह सफल होता है।

32 से 36- ये अतिउत्तम मिलान है, ये विवाह सफल रहता है।

36 गुण मिलना सफल शादी की निशानी?

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि गुण मिलान तो कुंडली मिलाने का एक छोटा सा हिस्सा है। सिर्फ गुण मिलने से किसी की शादी का सफल होना या असफल होने तय नहीं माना जाता है। आपने देखा होगी की कई बार 36 के 36 गुण मिलने के बाद भी व्यक्ति की शादी सफल नहीं होती। ऐसा इसलिए क्योंकि गुण के अलावा कुंडली में बाकी ग्रहों की स्थिति भी देखी जाती है। साथ ही यह भी देखा जाता है कि विवाह स्थान के स्वामी की क्या स्थिति है। कुंडली में 7वें घर विवाह स्थान होता है। कुंडली में 7वें घर से आपको यह भी पता लगा सकता है कि आपका जीवनसाथी स्वभाव से कैसा होगा।

मंगल दोष की जांच बेहद जरुरी

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि जब भी शादी के लिए कुंडली मिलाएं तो मंगल दोष की जांच कराना सबसे ज्यादा जुड़ी है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल लग्न भाव से पहले, दूसरे, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में होता है ऐसी स्थिति में वह व्यक्ति मांगलिक कहलाता है। दरअसल, अगर किसी मांगलिक की शादी अगर किसी बिना मांगलिक से हो जाए तो ऐसी शादी के टूटने की संभावना ज्यादा रहती है।

कितने गुण मिलने पर होती है शादी

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि विवाह के लिए वर और वधु के कम से कम 18 गुणों का मिलना ठीक माना जाता है। कुल 36 गुणों में से 18 से 21 गुण मिलने पर मिलान मध्यम माना जाता है। इससे अधिक गुण मिलने पर उसे शुभ विवाह मिलान कहते हैं। किसी भी वर और वधु का 36 गुण मिलना अत्यंत ही दुर्लभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीराम और सीता जी के ही 36 गुण मिले थे।

तब न करें विवाह

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि यदि आपकी कुंडली का मिलान 18 गुण से कम यानी 17 गुण होता है, तो विवाह नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा विवाह सुखमय नहीं हो सकता है। इससे बचना चाहिए।

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