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Mauni Amavasya Puja Vidhi: मौनी अमावस्या की संपूर्ण पूजा विधि



Mauni Amavasya Puja Vidhi: मौनी अमावस्या को हिंदू धर्म में बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। यह वह अमावस्या है, जिस दिन मौन व्रत धारण किया जाता है। माना जाता है कि इस दिन मौन व्रत करने से कई शुभ फल प्राप्त होते हैं। लेकिन मौन व्रत रखना बिल्कुल भी आसान नहीं होता। इसी कारण से इस व्रत को कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। इतना ही नहीं इस दिन गंगा स्नान और दान को भी अधिक महत्व दिया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना की जाती है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं क्या है मौनी अमावस्या की पूजन विधि (Mauni Amavasya Pujan Vidhi)

मौनी अमावस्या की पूजा विधि (Mauni Amavasya Puja Vidhi)

1.मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठाना चाहिए और जहां पर गंगा नदी का संगम होता हो वहां पर स्नान करना चाहिए। यदि ऐसा करना संभव न हो तो किसी पवित्र नदी में जरूर स्नान करना चाहिए।

2. यदि संभव हो तो इस दिन मौन रहने का संकल्प अवश्य लेना चाहिए और सुबह उठने से लेकर अगले दिन सुबह तक मौन अवश्य रहना चाहिए।

3. मौन व्रत का संकल्प लेने और स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की मौन रहकर ही पूजा करें।

4.भगवान विष्णु की पूजा करने से पहले किसी चौकी पर गंगाजल छिड़कें और उस पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं और उनकी मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें।

5. इसके बाद भगवान विष्णु को चंदन का तिलक लगाएं और उन्हें पीले रंग के फूलों की माला अर्पित करें। 

6. भगवान विष्णु का तिलक करने के बाद एक हल्दी की माला से ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।

7. मंत्र जाप के बाद भगवान विष्णु को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं।

8. इसके बाद भगवान विष्णु की मौन रहकर ही धूप व दीप से आरती उतारें।

9. भगवान विष्णु की आरती उतारने के बाद पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए उनसे क्षमा याचना अवश्य करें।

10.इसके बाद किसी निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन अवश्य कराएं और उसे अपने सामर्थ्य के अनुसार वस्त्र में अन्न दान में अवश्य दें।


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