Mauni Amavasya Significance: जानिए क्या है मौनी अमावस्या का महत्व
Mauni Amavasya Significance: माघ मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन मौन व्रत धारण करने की परंपरा है। लेकिन यह आसान नहीं होता। इसी कारण से इसे एक कठिन व्रतों में एक माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन मौन व्रत करने से सभी इंद्रियों पर नियंत्रण पाया सकता है। इसके अलावा इस दिन गंगा स्नान और दान को भी विशेष महत्व दिया जाता है। इसके अलावा और क्या है मौनी अमावस्या का महत्व (Mauni Amavasya Importance) आइए जानते हैं...
ये भी पढ़ें- Mauni Amavasya 2024 Kab Hai: जानिए साल 2024 में कब है मौनीअमावस्या और क्या है शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या का महत्व (Mauni Amavasya Importance)
मौनी अमावस्या माघ मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को मनाई जाती है। हिंदू धर्म में इस अमावस्या को कई गुना महत्व बताया गया है। इस दिन कुछ लोग मौन व्रत भी धारण करते हैं। मुनि शब्द से ही मौनी शब्द उत्पन्न हुआ है। इसलिए इस दिन मौन व्रत रखने को भी अधिक महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि इस दिन मौन व्रत रखने से कई प्रकार के पुण्य फलों प्राप्ति होती है।
इस दिन पहले गंगा स्नान किया जाता है और फिर मौन व्रत रखा जाता है। यदि कोई व्यक्ति गंगा नदी में स्नान करने में असमर्थ है तो उसे इस दिन अपने सभी नित्य कर्मों ने निवृत होकर स्नान करने वाले जल में ही थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान कर लेना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से भी उसे गंगा स्नान का ही फल प्राप्त होगा। स्नान के बाद व्यक्ति को मौन रहकर ही पूजा और जप करना चाहिए और सूर्य देव को जल अर्पण करना चाहिए।
मन ही मन गायत्री मंत्र का जाप करना भी इस दिन काफी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति को गौ दान के फल की प्राप्ति होती है। जाप के बाद यथाशक्ति ब्राह्मणों को भोजन अवश्य कराना चाहिए। इस दिन दान को भी विशेष महत्व दिया जाता है, इसलिए इस दिन तिल, तिल के लड्डू , तिल का तेल, आंवला,स्वर्ण और गौ दान विशेष रूप से करना चाहिए। क्योंकि इस दिन दिया गया दान पित्तरों को पुण्य फल के रूप में प्राप्त होता है।
हालांकि अमावस्या देश के विभिन्न हिस्सों में बहुत लोकप्रिय है, लेकिन उत्तर भारत में इसे विशेष महत्व प्राप्त है। मौनी अमावस्या उत्तर प्रदेश राज्य के इलाहाबाद में व्यापक रूप से लोकप्रिय है।
प्रयाग (इलाहाबाद) में विश्व प्रसिद्ध कुंभ मेले के दौरान गंगा में पवित्र स्नान करने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन को अक्सर 'अमृत योग' और 'कुंभ पर्व' के रूप में जाना जाता है।
हालांकि, मौनी अमावस्या उत्सव आंध्र प्रदेश में भी बहुत लोकप्रिय है, जहां इसे "चोलंगी अमावस्या" के रूप में मनाया जाता है। मौनी अमावस्या को भारत के अन्य हिस्सों में "दर्श अमावस्या" के नाम से भी जाना जाता है।इसलिए, मौनीअमावस्या हिंदू धर्म में ज्ञान, शांति, खुशी और मुक्ति प्राप्त करने के लिए एक बहुत ही शुभ दिन है।
कोई टिप्पणी नहीं
If you have and doubts. Please Let Me Know