Hariyali Amavasya Puja Vidhi: यहां जानें हरियाली अमावस्या की संपूर्ण पूजा विधि
Hariyali Amavasya Puja Vidhi |
Hariyali Amavasya Puja Vidhi: सावन या श्रावण के पवित्र महीने के दौरान आने वाली पूर्णिमा को हरियाली अमावस्या के रूप में जाना जाता है और इसे बेहद शुभ माना जाता है। हरियाली अमावस्या प्रसिद्ध हरियाली तीज से तीन दिन पहले और श्रावण शिवरात्रि (Shravan Shivaratri) के एक दिन बाद आती है। हरियाली अमावस्या के तीन दिन बाद हरियाली तीज का त्योहार (Hariyali Teej Festival) मनाया जाता है। हरियाली अमावस्या के दिन लोग प्रकृति को उजागर करते हैं और उसकी सुंदरता की प्रशंसा करते हैं।
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इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा यह दिन पित्तरों के तर्पण के लिए भी बहुत ही शुभ माना जाता है। यदि आप भी हरियाली अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना चाहते हैं तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी के चलिए डालते हैं हरियाली अमावस्या की पूजा पर एक नजर...
हरियाली अमावस्या की पूजा विधि (Hariyali Amavasya Pujan Vidhi)
1. हरियाली अमावस्या के दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान अवश्य करें और फिर सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
2. इसके बाद शिवलिंग पर जल, बिल्बपत्र और धतुरा अवश्य चढ़ाएं और भगवान शिव का चंदन से तिलक करें और उन्हें जल अर्पित करें। भगवान शिव की पूजा करने के बाद माता पार्वती की विधिवत पूजा करें और उन्हें वस्त्र और श्रृंगार अर्पित करें।
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3.इसके बाद पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करें। इसके बाद अपने पितरों का तर्पण करें और उनकी आत्माशांति के लिए दान, पूजा पाठ, ब्राह्मणों को भोजन अवश्य करें।
4. हरियाली अमावस्या के दिन आम, आंवला, पीपल बरगद और नीम के पौधे लगाना शुभ होता है।इसलिए संभव हो तो इन पौधों को अवश्य लगाएं।
5. वहीं इस दिन किसी निर्धन व्यक्ति को भी दान अवश्य दें। क्योंकि इस दिन ऐसा करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
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