Hayagriva Jayanti Importance: जानिए क्या है हयग्रीव जयंती का महत्व
Hayagriva Jayanti Importance |
इस रूप में भगवान विष्णु का सिर घोड़े का और शरीर मनुष्य का था। इस अवतार का उद्देश्य राक्षसों द्वारा चुराए गए वेदों को पुनः प्राप्त करना था। ब्राह्मण समाज इस दिन को उपाकर्म दिवस के रूप में मनाता है।
हयग्रीव जयंती का महत्व (Hayagreeva Jayanthi Ka Mahatva)
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हयग्रीव जयंती मनाई जाती है। इस दिन दिन को हयग्रीव के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। हयग्रीव भगवान विष्णु का ही एक अवतार माना जाता है।
माना जाता है कि यह अवतार भगवान विष्णु ने सभी वेदों की रक्षा के लिए लिया था और सभी वेदों को ब्रह्मा जी को फिर से लौटाकर पुन: स्थापित किया था। अगर भगवान हयग्रीव की स्वरूप की बात करें तो इनका सिर घोड़े का और शरीर इंसान का है।
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भगवान विष्णु ने यह अवतार राक्षसों के द्वारा चुराए गए वेदों को फिर से प्राप्त करने के लिए लिया था। इसी कारण इस दिन को ब्राह्मण समुदाय उपकर्मा दिवस के रूप में भी मनाता है।
इस दिन भगवान हयग्रीव की विशेष पूजा की जाती है और माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन भगवान हयग्रीव की सच्चे मन से पूजा करता है उसकी समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है।
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