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Importance of Mangla Gauri Vrat: जानिए क्या है मंगला गौरी व्रत का महत्व

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Importance of Mangla Gauri Vrat

Importance of Mangla Gauri Vrat:  सावन/श्रावण भगवान शिव का प्रिय महीना है। इस पूरे महीने भगवान शिव (Lord Shiva), जिन्हें रुद्र के नाम से भी जाना जाता है, उनकी पूजा की जाती है। लेकिन सावन के महीने में पड़ने वाला मंगला गौरी व्रत महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि माता गौरी यानी माता पार्वती (Mata Gauri and Mata Parvati) ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए सभी तरह के व्रत रखे थे। इनमें श्रावण मास में मनाया जाने वाला मंगला गौरी व्रत भी शामिल है। यह व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की सुरक्षा, लंबी उम्र और खुशी के लिए रखती हैं, जबकि अविवाहित लड़कियां अच्छा पति पाने के लिए यह व्रत रखती हैं। इसके अलावा और क्या है मंगला गौरी व्रत का महत्व (Mangla Gauri Vrat Significance) आइए जानते हैं...

मंगला गौरी व्रत का महत्व (Mangla Gauri Vrat Ka Mahatva) 

मंगला गौरी व्रत सावन माह के मंगलवार के दिन किया जाता है। शास्त्रों में इस व्रत का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। जिस तरह से सावन के सोमवार पर भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है, उसी प्रकार से सावन के मंगलवार को माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और व्रत रखा जाता है। 

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माना जाता है कि जो भी सुहागन महिला इस व्रत को करती है उसे न केवल वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है बल्कि उसके पति की उम्र भी लंबी होती है। 

इसके अलावा  नि: संतान दंपत्ति को संतान की प्राप्ति भी होती है। इसके अलावा इस व्रत को संतान की लंबी उम्र के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा अगर जो भी कुंवारी लड़की इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ रखती है तो उसके विवाह में आने वाली सभी परेशानियों का अंत होता है और उसे मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।


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