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Mangla Gauri Vrat 2024 Date and Time: मंगला गौरी व्रत 2024 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त और मंगला गौरी व्रत की कथा

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Mangla Gauri Vrat 2024 Date and Time


Mangla Gauri Vrat 2024 Date and Time: मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat) को हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व दिया है। यह व्रत विशेष रूप से कुंवारी लड़कियां विवाह में आने वाले परेशानियों का समाप्त करने के लिए करती हैं। यह व्रत सावन मास (Sawan Month) में आता है। इसी कारण से मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Fast) को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। वहीं यदि कोई सुहागन स्त्री इस व्रत को करती है तो उसके वैवाहिक जीवन में आने वाली सभी परेशानियां समाप्त होती है और उसे संतान सुख प्राप्त होता है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं मंगला गौरी व्रत 2024 में कब है (Mangla Gauri Vrat 2024 Mein Kab Hai), मंगला गौरी व्रत का शुभ मुहूर्त (Mangla Gauri Vrat Shubh Muhurat) और मंगला गौरी व्रत की कथा (Mangla Gauri Vrat Katha)

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मंगला गौरी व्रत 2024 के प्रारंभ और समाप्त होने की तिथि (Mangla Gauri Vrat 2024 Start and Ending Date)

पहला मंगला गौरी व्रत-  23 जुलाई 2024

दूसरा मंगला गौरी व्रत- 30 जुलाई 2024

तीसरा मंगला गौरी व्रत- 6 अगस्त 2024

चौथा मंगला गौरी व्रत-  13 अगस्त 2024

मंगला गौरी व्रत 2024 का शुभ मुहूर्त (Mangla Gauri Vrat 2024 Shubh Muhurat)

प्रथम मंगला गौरी व्रत अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12 बजे से दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक

द्वितीय मंगला गौरी व्रत अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12 बजे से दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक

तृतीय मंगला गौरी व्रत अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12 बजे से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक

चतुर्थ मंगला गौरी व्रत अभिजित मुहूर्त-  सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक

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मंगला गौरी व्रत की कथा (Mangla Gauri Vrat Story)

एक समय की बात है, धर्मपाल नाम का एक व्यापारी एक नगर में रहता था। वह और उसकी पत्नी अत्यंत धार्मिक थे। अनेक अनुष्ठान और व्रत करने से उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई। बहुत छोटी उम्र से ही, ज्योतिषियों ने उनके बेटे की मृत्यु की भविष्यवाणी कर दी थी, जो कि उसके 16वें वर्ष में सांप के काटने से होनी थी। कुछ वर्षों के बाद, धर्मपाल और उसकी पत्नी भविष्यवाणी के बारे में सब कुछ भूल गए और अपने बेटे की शादी कर दी।

जिस लड़की से उनके बेटे का विवाह हुआ था, वह मंगला गौरी व्रत करती थी और इस व्रत के प्रभाव से उसके पति की मृत्यु का भय समाप्त हो गया और उसे दीर्घायु की प्राप्ती हुई और वे एक सुखी वैवाहिक जीवन व्यतीत करने लगे। इसी तरह करवा चौथ भी एक और ऐसा त्योहार है जो विवाहित महिलाएं अपने पति की खुशी और लंबी उम्र के लिए मनाती हैं।



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