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Vyasa Puja Importance: जानिए क्या है व्यास पूजा का महत्व




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Vyasa Puja Importance


Vyasa Puja Importance: व्यास पूजा आषाढ़ मास की पूर्णिमा को की जाती है। इस दिन को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन शिष्य अपने गुरुओं की पूजा करते हैं और उन्हें उपहार स्वरूप कुछ न कुछ अवश्य देते हैं। व्यास पूजा को महाभारत के रचयिता वेद व्यास जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। वह न केवल इस महाकाव्य के रचयिता थे बल्कि वे इसके एक पात्र भी थे। इसके अलावा और क्या है व्यास पूजा का महत्व (Vyasa Puja Ka Mahatva) आइए जानते हैं...

व्यास पूजा का महत्व (Vyasa Puja Significance)

आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को व्यास पूजा की जाती है। जिसे गुरु पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि इसी दिन महार्षि वेद व्यास जी का जन्म भी हुआ था। वेद व्यास जी महाभारत के साथ-साथ 18 पुराणों के रचयिता भी माने जाते हैं। 

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इसके अलावा व्यास जी के द्वारा कई वेद और उपनिष्द की भी रचना की गई है। व्यास जी को पूरी मानव जाति का गुरु माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार वेद व्यास जी की माता नाम सत्यवती था और इनके पिता का नाम पराशर ऋषि था। 

वेद व्यास जी की जयंती पर गुरुओं को विशेष रूप से सम्मान किया जाता है। इस दिन लोग अपने गुरुओं को उपहार, दक्षिणा आदि देकर उनका आर्शीवाद प्राप्त करते हैं। 

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