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Durva Ashtami Puja Vidhi: जानिए क्या है दूर्वा अष्टमी की संपूर्ण पूजा विधि

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Durva Ashtami Puja Vidhi

Durva Ashtami Puja Vidhi: दूर्वा अष्टमी एक अनूठा उत्सव है जो हिंदू अनुष्ठानों में उपयोग की जाने वाली एक आवश्यक वस्तु दूर्वा घास की पूजा (Durva Grass Puja) के लिए समर्पित है। मान्यताओं के अनुसार, दूर्वा अष्टमी को भक्तिपूर्वक मनाने से समृद्धि और शांति मिलती है। इस दिन दूर्वा को पूर्व दिशा की ओर मुंह करके भगवान को अर्पित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस अनुष्ठान को करने से दस पूर्वजों को अमरता और आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि आप भी दूर्वा अष्टमी की पूजा (Durva Ashtami Puja) करना चाहते हैं और आपको इस पर्व की पूजा विधि के बारे में नहीं पता है तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए डालते हैं दूर्वा अष्टमी की पूजा विधि पर एक नजर...

दूर्वा अष्टमी की पूजा विधि (Durva Ashtami Puja Vidhi)

1. इस दिन साधक को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर साफ वस्त्र धारण करने चाहिए और यदि आप व्रत कर रहे हैं तो आपको व्रत का संकल्प लेना चाहिए। 

2. दूर्वा अष्टमी के दिन भगवान शिव और भगवान गणेश की विशेष रूप से पूजा की जाती है। इसलिए एक चौकी पर भगवान शिव और भगवान गणेश की स्थापना करें।

3. इसके बाद भगवान गणेश और भगवान शिव को फल, फूल, चावल, धूपबत्ती, दही और अन्य जरूरी पूजन सामग्री अर्पित करें और भगवान गणेश को विशेष रूप से दूर्वा घास अर्पित करें।

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4. इसके बाद विधिवत पूजन करें और फिर दूर्वा अष्टमी की कथा पढ़ें और सुने और फिर भगवान शिव और भगवान गणेश की धूप व दीप से आरती उतारें और उन्हें मिठाई का भोग लगाएं।

5. मान्यतानुसार इस दिन महिलाओं द्वारा पूरी श्रद्धा के साथ व्रत, पूजा और भोग चढ़ाने  से घर में सुख-समृद्धि और खुशियां आती है और महिलाओं को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। पूजन के बाद को ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्र दान भी अवश्य करें।

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