Jyeshtha Gauri Visarjan Puja Vidhi: यहां जानें ज्येष्ठ गौरी विसर्जन की संपूर्ण पूजा विधि
Jyeshtha Gauri Visarjan Puja Vidhi |
माना जाता है कि जो भी सुहागन महिला तीन दिनों तक व्रत रखकर मां गौरी की पूजा करती है,उसे घर में सुख और समृद्धि का वास होता है और उसे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। लेकिन यदि आप ज्येष्ठ गौरी की विसर्जन की पूजा विधि के बारे में नहीं जानती हैं तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए डालते हैं ज्येष्ठ गौरी विसर्जन की पूजा विधि पर एक नजर...
ज्येष्ठ गौरी विसर्जन विधि (Jyeshtha Gauri Visarjan Vidhi)
1. गौरी विर्सजन के लिए महिलाओं को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए और स्नान आदि से निवृत होकर साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
2. इसके बाद मां गौरी की उसी तरह से पूजा करें जैसी आपने गौरी आहवान वाले दिन से लेकर अब तक की थी।
3. पूजा के बाद मां गौरी को फल, मिष्ठान, हलवा पूरी आदि का भोग लगाएं और उनकी कपूर से आरती उतारें और उनके मन्त्र ॐ पार्वत्यै नमः का जाप करें।
4. पूजा पूर्ण होने के बाद गाजे बाजों के साथ मां गौरी की मूर्ति को विसर्जन के लिए निकले।
5. इसके बाद किसी पवित्र नदी या सरोवर पर जाकर मां गौरी की मूर्ति का विसर्जन कर दें।
6. इसके बाद मां गौरी से अपनी पूजा स्वीकार करने की प्रार्थना करे और उनसे पूजा में हुई भूल के लिए क्षमा याचना करें।
7. विसर्जन के दौरान मां गौरी के 108 नाम का मन में जाप करें।(यह नाम आप एक कागज़ पर लिखकर भी साथ लकर जा सकतें है)|
8. विसर्जन के बाद सभी लोगों के बीच प्रसाद का वितरण करें और ब्राह्मणों को भोजन कराकर उन्हें अपने सामर्थ्य के अनुसार दान दें और अपने व्रत का पारण करें।
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