Jyeshtha Gauri Visarjan Importance: जानिए क्या है ज्येष्ठ गौरी विसर्जन का महत्व
Jyeshtha Gauri Visarjan Importance
Jyeshtha Gauri Visarjan Importance: ज्येष्ठ गौरी आवाहन (Jyeshtha Gauri Avahana) का पर्व में मां गौरी की स्थापना (Goddess Gauri Sthapana) करके उनकी तीन दिनों तक विधिवत पूजा की जाती है और इसके बाद उनका विसर्जन कर दिया जाता है। यह पर्व गणेश चतुर्थी के दो दिन बाद आता है। इस पर्व को विशेष रूप से महाराष्ट्र में मनाया जाता है।
माना जाता है कि मां गौरी की स्थापना करके उनकी तीन दिनों तक पूजा करने और फिर उनका विसर्जन करने से सुहागन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा और क्या है ज्येष्ठ गौरी विसर्जन का महत्व आइए जानते हैं...
ज्येष्ठ गौरी विसर्जन का महत्व (Jyeshtha Gauri Visarjan Ka Mahatva)
ज्येष्ठ गौरी आवाहन का पर्व गणेश चतुर्थी के दो दिन बाद मनाया जाता है। कई जगहों पर इस पर्व को गौरी पूजा के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार भगवान गणेश की माता यानी मां पार्वती को समर्पित है। इसके अलावा कई जगहों पर ज्येष्ठ गौरी आवाहन को महालक्ष्मी पूजा के नाम से भी जाना जाता है।
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माना जाता है कि अखंड सौभाग्य के लिए महिलाएं भादों के महीने में मां गौरी की आराधान करती हैं। इस पर्व को मुख्य रूप से मराठी लोगों के द्वारा महाराष्ट्र में मनाया जाता है।
इस दिन लोग मां गौरी प्रतिमा लाकर उसे अपने घर में स्थापित करते हैं और दो दिनों तक मां गौरी आराधना करने के उसका विर्सजन कर देते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सुख, समृद्धि, धन और धान्य की कभी भी कमीं नहीं होती।
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