Jyeshtha Gauri Visarjan 2024 Date: ज्येष्ठ गौरी विसर्जन 2024 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त और ज्येष्ठ गौरी विसर्जन की कथा
Jyeshtha Gauri Visarjan 2024 Date
Jyeshtha Gauri Visarjan 2024 Date: गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के दो दिन बाद ज्येष्ठ गौरी आवाहन के दिन घरों में मां गौरी की स्थापना की जाती है और दो दिनों तक मां गौरी की विधिवत पूजा के बाद इनका विर्सजन कर दिया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सुख और समृद्धि का वास होता है और महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं ज्येष्ठ गौरी विसर्जन 2024 में कब है (Jyeshtha Gauri Visarjan 2024 Mein Kab Hai), ज्येष्ठ गौरी विसर्जन का शुभ मुहूर्त (Jyeshtha Gauri Visarjan Shubh Muhurat) और ज्येष्ठ गौरी विसर्जन की कथा (Jyeshtha Gauri Visarjan Story)
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ज्येष्ठ गौरी विर्सजन 2024 तिथि (Jyeshtha Gauri Visarjan 2024 Date)
12 सितंबर 2024
ज्येष्ठ गौरी विसर्जन 2024 शुभ मुहूर्त (Jyeshtha Gauri Visarjan 2024 Shubh Muhurat)
ज्येष्ठ गौरी विसर्जन मुहूर्त - सुबह 6 बजकर 05 मिनट से शाम 6 बजकर 29 मिनट तक (12 सितंबर 2024)
मूल नक्षत्र प्रारम्भ - रात 9 बजकर 22 मिनट से (11 सितंबर 2024)
मूल नक्षत्र समाप्त - अगले दिन रात 9 बजकर 53 मिनट तक (12 सितंबर 2024)
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ज्येष्ठ गौरी विसर्जन की कथा (Jyeshtha Gauri Visarjan Ki Katha)
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार राक्षसों के अत्याचार से तंग आकर और अपने सौभाग्य की रक्षा के लिए महिलाओं ने मां गौरी का आवाहन किया। जिसके बाद मां गौरी ने अपने भक्तों की पुकार सुनकर भाद्रपद शुक्ल अष्टमी को राक्षसों का वध कर पृथ्वी के प्राणियों के दुखों का अंत किया।
इसी वजह से हर साल सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए भाद्रपद शुक्ल अष्टमी को ज्येष्ठ गौरी का व्रत करती हैं। इसके अलावा एक अन्य कथा के अनुसार गणेश चतुर्थी के दो दिन बाद कैलाश पर्वत से माता पार्वती धरती पर अवतरित हुईं थीं। इसके अलावा गौरी पूजा को कुछ क्षेत्रों में देवी लक्ष्मी की उपासना के रूप में भी मनाया जाता है।
भगवान गणेश की तरह माता गौरी की मूर्ति को बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ घर लाया जाता है और फिर तीन दिन के बाद भक्त मां की विशेष पूजा-अर्चना करके उनका विसर्जन करते हैं, यानी माता को अलविदा कहते हैं। महाराष्ट्र और कर्नाटक में इस पर्व का विशेष महत्व दिया जाता है।
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