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Rishi Panchami Puja Vidhi: यहां जानें ऋषि पंचमी की संपूर्ण पूजा विधि

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Rishi Panchami Puja Vidhi

Rishi Panchami Puja Vidhi: ऋषि पंचमी को भाद्रपद शुक्ल पंचमी के नाम से भी जाना जाता है, जो हरतालिका तीज ( Hartalika Teej ) के दो दिन बाद और गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के एक दिन बाद आती है। ऋषि पंचमी पर, हिंदू सप्त ऋषियों (सात ऋषियों) को उनका सर्वोच्च सम्मान दिया जाता है। 

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वहीं महिलाएं इस दिन मासिक धर्म में हुई किसी भी प्रकार की गलती के दोष से मुक्ति पाने के लिए एक विशेष उपवास रखती हैं। यदि आप भी ऋषि पंचमी का व्रत करना चाहती हैं और आपको इस व्रत की पूजा विधि के बारे में नहीं पता है तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए डालते हैं ऋषि पंचमी की पूजा विधि पर एक नजर...

ऋषि पंचमी की पूजा विधि (Rishi Panchami Ki Puja Vidhi)

1. महिलाओं को ऋषि पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र, सरोवर,तालाब या नदी में स्नान करके साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।

2. इसके बाद यदि संभव हो तो पूरे घर को गाय के गोबर से लीपना चाहिए, नहीं तो जिस स्थान पर आप पूजा करें उस स्थान को ही गोबर से लीप लें।

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3.घर को गाय के गोबर से लीपने के बाद सप्तऋषियों और देवी अरूंधति की प्रतिमा बनानी चाहिए और यदि आप ऐसा नहीं कर सकती तो आप इनकी तस्वीर भी स्थापित कर सकती हैं।

4. इसके बाद कलश की स्थापना करनी चाहिए और सप्तऋषियों की हल्दी,चंदन और पुष्प और अक्षत से पूजा करनी चाहिए।

5. पूजा में कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोय गौतम:।जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषय: स्मृता:।।गृह्णन्त्वर्ध्य मया दत्तं तुष्टा भवत मे सदा।। मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए।

6. मंत्र का जाप करने के बाद सप्तऋषियों की कथा सुननी चाहिए और इस दिन जमीन में बोया हुआ अनाज ही ग्रहण करना चाहिए।


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