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Shitala Satam Pooja Vidhi: यहां जानें शीतला सातम की संपूर्ण पूजा विधि

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Shitala Satam Pooja Vidhi

Shitala Satam Pooja Vidhi: भारतीय पौराणिक और धार्मिक परंपराओं में व्रतों का बहुत महत्व है, जो समाज में सामाजिक और आध्यात्मिक मूल्यों की स्थापना करते हैं। शीतला सातम भी एक ऐसा ही महत्वपूर्ण व्रत है, जो भारतीय समाज में अहम भूमिका निभाता है। शीतला सातम का त्योहार (Shitala Festival) भारत के विभिन्न राज्यों में मनाया जाता है, लेकिन यह विशेष रूप से उत्तर भारतीय राज्यों में प्रमुखता से मनाया जाता है। इस दिन  महिलाएं विशेष रूप से माता शीतला की पूजा (Goddess Shitala Puja) की जाती है। 

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जिससे उन्हें और उनके परिवार के लोगों को किसी भी प्रकार का भयानक रोग नहीं सताता। अगर आप भी शीतला सातम पर माता शीतला की पूजा करना चाहती हैं और आपको इस त्योहार की पूजा विधि के बारे में नहीं पता है तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए डालते हैं शीतला सातम की पूजा विधि पर एक नजर...

शीतला सातम की पूजा विधि (Shitla Satam Puja Vidhi)

1. शीतला सातम के दिन मां शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। इसलिए महिलाओं को शीतला सातम से एक दिन पहले ही मीठा भात, खाजा, चूरमा, कच्चा और पक्का खाना,नमक पारे, बेसन की पकौड़ी आदि बना लेनी चाहिए।

2.वहीं यदि आप रोटी बनाकर मां शीतला की पूजा करना चाहती हैं तो ऐसी रोटी बनाएं जिसमें लाल रंग की सिकाई के निशान बिल्कुल भी न हो।

3.शीतला सातम के दिन यानी ठंडे पानी से ही स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। 

4. इसके बाद माता शीतला के भोग की थाली तैयार करें और उसमें रबड़ी, चावल, पुए,पकौड़े और कच्चा पक्का खाना रखें।

5. भोग की थाली तैयार करने के बाद एक पूजा की थाली तैयार करें और उसमें काजल, रोली,चावल, मौली, हल्दी और एक रूपए का सिक्का रखें। 

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6. इसके बाद बिना नमक का आंटा गूथकर उससे एक दीपक बनाएं और उसमें रूई की बाती घी में डुबोकर लगाएं।

7. इसके बाद माता शीतला के मंदिर में जाकर उनकी विधिवत पूजा करें और यदि आप घर पर ही माता शीतला की पूजा कर रही हैं तो पहले माता शीतला को स्नान कराएं और फिर उनकी पूजा करें।

8.माता को दीपक अर्पित करने के बाद उन्हें रोली और हल्दी का टीका लगाएं।

9. इसके बाद माता शीतला को मेहंदी, लच्छा और वस्त्र आदि अर्पित करें और आटें का दीपक बिना जलाएं माता शीतला के आगे रख दें। 

10.अंत में माता शीतला को थाली में लाए भोजन का भोग लगाकर उनकी आरती करें और माता शीतला को जल अर्पित करें और थोड़ा सा जल बचाकर अपने घर के मुख्य द्वार पर और अपने घर के सभी सदस्यों पर छिड़कें।

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