Saraswati Avahan Puja: जानिए क्या है सरस्वती आवाहन की संपूर्ण पूजा विधि
Saraswati Avahan Puja |
महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में, सरस्वती पूजा महा सप्तमी पर सरस्वती आवाहन के साथ शुरू होती है और विजयादशमी पर सरस्वती विसर्जन के साथ समाप्त होती है। माना जाता है कि इन तीन दिनों तक जो भी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करता है, उसे मां सरस्वती का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। अगर आप भी सरस्वती आवाहन की पूजा विधि के बारे में जानना चाहते हैं तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए डालते हैं सरस्वती आवाहन की पूजा विधि पर एक नजर...
सरस्वती आवाहन पूजा विधि (Saraswati Avahan Puja Vidhi)
1.सरस्वती आवाहन के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद पीले या सफेद रंग के वस्त्र ही धारण करें।
2. इसके बाद एक साफ चौकी लें और उस पर गंगाजल छिड़कर कर सफेद रंग का वस्त्र बिछाएं।
3. चौकी पर कपड़ा बिछाने के बाद मां सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
4. माता सरस्वती की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करने के बाद उन्हें सफेद या पीले रंग फूल और सफेद चंदन अर्पित करें। इसके बाद मां सरस्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
5. यह सभी वस्तुएं अर्पित करने के बाद मां सरस्वती के आगे धूप व दीप जलाएं और ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः मंत्र का जाप करें।
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6. मंत्र जाप के बाद माता सरस्वती के चरणों में गुलाल अर्पित करें और मां सरस्वती की विधिवत पूजा करें।
7. मां सरस्वती की पूजा करने के बाद पुस्तकों और वाद्य यंत्रों की भी पूजा करें
8. इसके बाद मां सरस्वती की कथा पढ़ें या सुनें और मां सरस्वती की धूप व दीप से आरती उतारें।
9.मां सरस्वती की आरती उतारने के बाद उन्हें मालपुआ और खीर का भोग लगाएं।
10.इसके बाद माता सरस्वती से किसी भी प्रकार की भूल के लिए क्षमा याचना अवश्य करें और मालपुआ और खीर घर के सभी लोगों के बीच बाटें।
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