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Saraswati Puja Vidhi: यहां जानें सरस्वती पूजा की संपूर्ण विधि

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Saraswati Puja Vidhi

Saraswati Puja Vidhi:  ज्ञान, संगीत, कला, विज्ञान और प्रौद्योगिकी की देवी मां सरस्वती (Goddess Saraswati) को विशेष दिनों में सम्मानित किया जाता है। वर्ष में दो विशेष अवसर होते हैं जब ज्ञान और ज्ञान की हिंदू देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है, जिन्हें सरस्वती पूजा ('वसंत पंचमी' और 'नवरात्रि सरस्वती पूजा') कहा जाता है। शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) की नवमी तिथि पर मां सरस्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। जिसे सरस्वती पूजा के नाम से जाना जाता है। 

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इस त्योहार को दक्षिण भारत के अलावा बंगाल में भी कई जगहों पर मनाया जाता है। अगर आप भी मां सरस्वती की पूजा करना चाहते हैं और आपको सरस्वती की पूजा की विधि के बारे में नहीं पता है तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए डालते हैं सरस्वती पूजा विधि पर एक नजर...

मां सरस्वती की पूजा विधि (Goddess Saraswati Puja Vidhi)

1.सरस्वती आवाहन के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद पीले या सफेद रंग के वस्त्र ही धारण करें।

2. इसके बाद एक साफ चौकी लें और उस पर गंगाजल छिड़कर कर सफेद रंग का वस्त्र बिछाएं।

3. चौकी पर कपड़ा बिछाने के बाद मां सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।

4. माता सरस्वती की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करने के बाद उन्हें सफेद या पीले रंग फूल और सफेद चंदन अर्पित करें। इसके बाद मां सरस्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।

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5. यह सभी वस्तुएं अर्पित करने के बाद मां सरस्वती के आगे धूप व दीप जलाएं और ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः मंत्र का जाप करें। 

6. मंत्र जाप के बाद माता सरस्वती के चरणों में गुलाल अर्पित करें और मां सरस्वती की विधिवत पूजा करें।

7. मां सरस्वती की पूजा करने के बाद पुस्तकों और वाद्य यंत्रों की भी पूजा करें 

8. इसके बाद मां सरस्वती की कथा पढ़ें या सुनें और मां सरस्वती की धूप व दीप से आरती उतारें। 

9.मां सरस्वती की आरती उतारने के बाद उन्हें मालपुआ और खीर का भोग लगाएं।

10.इसके बाद माता सरस्वती से किसी भी प्रकार की भूल के लिए क्षमा याचना अवश्य करें और मालपुआ और खीर घर के सभी लोगों के बीच बाटें।


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