Significance of Saraswati Puja: जानिए क्या है सरस्वती पूजा का महत्व
Significance of Saraswati Puja
Significance of Saraswati Puja: नवरात्रि उत्सव (Navratri Festival) में भक्त देवी सरस्वती की पूजा करते हैं और नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा (Goddess Katyayani Puja) करने के बाद सरस्वती पूजा करते हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार देवी सरस्वती, देवी दुर्गा के दूसरे रूप का प्रतीक हैं। देवी सरस्वती को सफेद वस्त्र पहने एक सुंदर महिला, सदाचार और शांति की प्रतिमूर्ति के रूप में जाना जाता है। वह शिक्षा, अभिव्यक्ति और संस्कृति की देवी हैं। इसके अलावा और क्या है सरस्वती पूजा महत्व....
सरस्वती पूजा का महत्व (Saraswati Puja Ka Mahatva)
9 दिनों तक चलने वाली नवरात्रि, जिसे शारदीय नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है, पूरे देश में विभिन्न तरीकों से मनाई जाती है।भारत के पूर्वी, पश्चिमी और उत्तरी भागों में नवरात्रि का त्योहार देवी दुर्गा के विभिन्न 9 रूपों की पूजा करके मनाया जाता है और दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
वहीं दक्षिण भारत के राज्यों केरल और तमिलनाडु में नवरात्रि के आखिरी दिन 9वें दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती हैं। यह उत्सव तीन दिनों तक मनाया जाता है और फिर देवी सरस्वती का विसर्जन कर दिया जाता है।
देवी सरस्वती को ज्ञान, संगीत, कला और ज्ञान की देवी माना जाता है। माता सरस्वती ज्ञान और संगीत की देवी मानी जाती है। मां सरस्वती को हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार इस ब्रह्मांड के निर्माता भगवान ब्रह्मा की पत्नी के रूप में जाना जाता है।
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