Gopashtami Puja Vidhi: यहां जानें गोपाष्टमी की संपूर्ण पूजा विधि
Gopashtami Puja Vidhi
Gopashtami Puja Vidhi: गोपाष्टमी का त्योहार (Gopashtami Festival) हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह (Kartik Month) में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि (आठवें दिन) को मनाया जाता है। इस त्योहार की सबसे बड़ी धूम मथुरा, वृंदावन और अन्य ब्रज क्षेत्रों में होती है। यह दिन विशेष रूप से गायों और बछड़ों के लिए समर्पित होता है। इस दिन गायों और बछड़ों की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
माना जाता है कि इस दिन गायों की पूजा करने से न केवल गायों का बल्कि भगवान श्री कृष्ण का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि आप भी गोपाष्टमी के दिन गायों की पूजा करना चाहते हैं, लेकिन आप यह नहीं जानते कि आपको किस प्रकार से पूजा करनी चाहिए तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए डालते हैं गोपाष्टमी की पूजा विधि पर एक नजर...
गोपाष्टमी की पूजा विधि (Gopashtami Puja Vidhi)
1. गोपाष्टमी के दिन साधक को ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए और साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।
2. इसके बाद गाय और बछड़े को भी स्नान कराना चाहिए और यदि आप ऐसा न कर सकें तो गाय और बछड़े पर गंगाजल अवश्य छिड़कें।
3. गाय और बछड़े को स्नान कराने के बाद गाय को हल्दी से लेप करना चाहिए और गाय को सजाना चाहिए।
4.इसके बाद गाय की सींग पर भी हल्दी लगानी चाहिए। इसके बाद गाय के बछड़े को भी इसी प्रकार से सजाना चाहिए।
5.इसके बाद गाय और बछड़े का तिलक करके उन्हें फूलों की माला पहनानी चाहिए और उन्हें फल, नैवेद्य, चने की दाल आदि अर्पित करनी चाहिए और दोनों के गले में घंटी बांधनी चाहिए।
6. इसके बाद गाय और बछड़े का धूप व दीप से विधिवत पूजन करना चाहिए।
7. इसके बाद गाय और उसके बछड़े को फल, गुड़,चने की दाल और लड्डू आदि खिलाना चाहिए।
8. इसके बाद गाय की परिक्रमा करनी चाहिए और भगवान श्री कृष्ण का ध्यान करना चाहिए।
9. गाय की परिक्रमा करने के बाद कुछ दूर तक गाय के साथ चलना चाहिए या फिर गाय को आगे चलाकर आप उनसे पीछे चलें।
10. गोपाष्टमी के दिन अन्नकूट भंडारा भी किया जाता है। इसलिए यदि संभव हो तो इस दिन अन्नकूट भंडारा भी अवश्य करें।
कोई टिप्पणी नहीं
If you have and doubts. Please Let Me Know