Hanuman Puja Vidhi: जानिए क्या है हनुमान पूजा की संपूर्ण विधि
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Hanuman Puja Vidhi: हनुमान पूजा का पर्व (Hanuman Puja Festival) कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है। इस दिन को नरक चतुर्दशी, काली चौदस और छोटी दिवाली जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है। दक्षिण भारत में यह त्योहार हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि दक्षिण भारतीय विद्वानों के अनुसार हनुमान जी (Hanuman Ji) का जन्म इसी दिन हुआ था।
माना जाता है कि इस दिन जो भी भक्त सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा करता है, उसे जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और उसे हनुमान जी का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि आप भी इस दिन हनुमान जी की पूजा करना चाहते हैं और आपको हनुमान पूजा विधि के बारे में नहीं पता है तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए डालते हैं हनुमान पूजा की विधि पर एक नजर...
हनुमान जी की पूजा विधि (Hanuman Ji Ki Puja Vidhi)
1. हनुमान जी की पूजा में ब्रह्मचर्य को अत्यंत ही विशेष माना जाता है। इसलिए हनुमान जी की पर पूजा करने वाले व्यक्ति को एक दिन पहले से ही ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
2.हनुमान पूजा के दिन सूर्योदय से पहले उठें। सबसे पहले जहां आपको पूजा करनी है उस स्थान को अच्छी तरह से साफ कर लें। इसके बाद स्नान करें और लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
3. इसके बाद एक साफ चौकी लेकर उस पर गंगाजल छिड़कें और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण जी स्मरण करें।
4.इसके बाद भगवान गणेश की चौकी पर स्थापना करें और एक ऐसी मूर्ति या तस्वीर लें। जिसमें भगवान राम,माता सीता और लक्ष्मण जी हों और उनके चरणों में हनुमान जी बैठे हुए हों और प्रतिमा या तस्वीर को भी चौकी पर स्थापित करें।
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5.प्रतिमा स्थापित करने के बाद सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। उसके बाद भगवान राम,माता सीता और लक्ष्मण जी की भी विधिवत पूजा करें।
6. इसके बाद हनुमान जी के आगे चमेली के तेल का दीपक जलाएं और उन्हें लाल रंग के पुष्पों की माला और लाल रंग के पुष्प ही अर्पित करें।
7. हनुमान जी की पुष्पों माला और पुष्प अर्पित करने के बाद चोला और सिंदूर भी अर्पित करें। ये सभी चीजें अर्पित करने के बाद , हनुमान चालीसा , हनुमान जी के मंत्र और श्री राम स्तुति का पाठ अवश्य करें।
8. यदि संभव हो तो हनुमान पूजा के दिन रामायण का पाठ भी अवश्य करें। इसके बाद हनुमान जी की धूप व दीप से आरती उतारें।
9. हनुमान जी की आरती उतारने के बाद उन्हें गुड़ चने और बूंदी के प्रसाद का भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद हनुमान जी से पूजा में हुई किसी भी भूल चूक के लिए क्षमा याचना अवश्य करें।
10. इसके बाद बंदरों को गुड़,चना और केले अवश्य बाटें। हनुमान पूजा को बंदरों के बीच में गुड़ चना और केले बांटना बहुत ही शुभ माना जाता है।
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