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Karwa Chauth Puja Vidhi: यहां जानें करवा चौथ की संपूर्ण पूजा विधि

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Karwa Chauth Puja Vidhi

Karwa Chauth Puja Vidhi:  करवा चौथ का त्योहार (Karwa Chauth Festival) उत्तरी भारत में सुहागन महिलाओं द्वारा बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। करवा चौथ के दिन पूरे दिन उपवास करने का विधान है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति के जीवन की सुरक्षा और दीर्घायु के लिए सूर्योदय से चंद्रोदय (Sunrise to Moonrise) तक कठोर उपवास रखती हैं। करवा चौथ हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और राजस्थान राज्यों में अत्यधिक मनाया जाता है।

इस दिन विशेष रूप से चौथ माता की पूजा की जाता है। यदि आप भी करवा चौथ के दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखना चाहती हैं, लेकिन आपको इस व्रत की पूजा विधि के बारे में नहीं पता है तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए डालते हैं करवा चौथ की पूजा विधि पर एक नजर...

करवा चौथ की पूजा विधि (Karwa Chauth Ki Puja Vidhi)

1. करवा चौथ की पूजा शाम के समय ही की जाती है। इस दिन सुहागन स्त्रियों को स्नान आदि करने के बाद लाल रंग की साड़ी पहननी चाहिए और पूरा श्रृंगार अवश्य करना चाहिए।

2. पूजा से पहले एक साफ चौकी पर गंगाजल छिड़ककर उस पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर चौथ माता की तस्वीर स्थापित करें आप चाहें तो गेरू से भी चौथ माता की तस्वीर बना सकती हैं।

3. इसके बाद दो मिट्टी के करवे और एक पीतल का लोटा लें और उसमें जल भरें। इसके बाद उसमें अक्षत डालें। 

4. इसके बाद उन दोनों करवों और पीतल के लोटे में फूल या सिक्का डालें। 

5. इसके बाद दोनों करवों और पीतल के लोटे को ढक्कन से ढक दें और उन पर चावल भरें। 

6.इसके बाद मिट्टी के करवों पर सुपारी रखें और इसके बाद उन पर एक मिठाई, रबड़ी,सिंघाड़ा आदि रखें। 

7. इसके बाद दोनों करवों पर चार- चार सिक्के लगाएं और उन्हें स्थापित कर दें। 

8. इसके बाद जल से आचमन करें और फूल माला चढ़ाएं और चौथ माता और करवों को हल्दी और रोली का तिलक लगाएं।

9.इसके बाद गणेश जी कि विधिवत पूजा करें और चौथ माता को श्रृंगार का पूरा सामान अर्पित करें। 

10. इसके बाद चौथ माता को सिंदूर चढ़ाएं उसके बाद चूड़ी चढ़ाएं। 

11. इसके बाद चार फल चढ़ाएं और दो दीपक लेकर उसमें इस तरह से बत्ती रखें की वह चार हो। 

12. इसके बाद धूपबत्ती, अगरबत्ती और दीपक जलाएं और चौथ माता की आरती करें। 

13. इसके बाद करवा चौथ की व्रत कथा को पढ़ें या सुनें। 

14. इसके बाद गणेश जी और चौथ माता की आरती करें और दोनों करवों की आदला बदली करें। 

15. इसके बाद पुए और पूरी से चौथ माता को भोग लगाना चाहिए। 

16. इसके बाद चंद्रमा निकलने पर उसका विधिवत पूजन करें और उसे भी पूरी और पुए का भोग लगाएं। 

18. इसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें। 17. चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति का चेहरा छलनी में देखें। 

19.इसके बाद अपने पति के हाथों जल ग्रहण करने के बाद करवा चौथ का व्रत खोलें।



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