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Significance of Karwa Chauth: जानिए क्या है करवा चौथ का महत्व

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Significance of Karwa Chauth

Significance of Karwa Chauth: करवा चौथ के त्योहार (Karwa Chauth Festival) को  हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। यह त्योहार हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सुहागन स्त्रियां निर्जल व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं और रात को चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने इस व्रत को खोलती हैं। इसके अलावा और क्या है करवा चौथ का महत्व (karwa Chauth Ka Mahatva) आइए जानते हैं...

करवा चौथ का महत्व (Karwa Chauth Importance) 

भारत त्योहारों का देश कहलाता है। जहां कई त्योहार मनाए जाते है। इन्हीं में से एक त्योहार है करवा चौथ। जो सुहागन स्त्रियों के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। सुहागन महिलाएं करवा चौथ के दिन अपने पति की लंबी उम्र के बिना अन्न जल ग्रहण किए व्रत रखती हैं। 

इस दिन सिर्फ सुहागन महिलाएं ही नहीं बल्कि कुंवारी लड़कियां भी अच्छा वर प्राप्त करने के लिए व्रत रखती हैं।करवा चौथ के दिन स्त्रियां करवा माता का पूजन करती हैं और शाम चंद्रमा को अर्घ्य देकर इस व्रत को खोलती हैं।  इस दिन सुहागन महिलाएं पूरा श्रृंगार करके नई दुल्हन की तरह सजती हैं और अपनी थालियों को घूमाती हैं। 

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इसके बाद सभी महिलाएं करवा चौथ की कहानी सुनती हैं। इसक बाद चौथ माता की पूजा करके महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं और फिर अपने करवे को सात बार घूमाती हैं। 

इसके बाद चौथ माता को हलवा, पूरी, मीठी मट्ठी और खीर का भोग लगाया जाता है और फिर शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता और फिर अपने पति के हाथ से पानी पीकर करवा चौथ का यह व्रत खोला जाता है। लेकिन जो कुंवारी लड़कियां करवा चौथ का व्रत रखती हैं, वह चंद्रमा को नहीं बल्कि तारों को अर्घ्य देती हैं। 


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