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Puja Vidhi of Ahoi Ashtami: यहां जानें अहोई अष्टमी की संपूर्ण पूजा विधि

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Puja Vidhi of Ahoi Ashtami

Puja Vidhi of Ahoi Ashtami: अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक माह में करवा चौथ (Karva Chauth) के चार दिन बाद और दीपावली (Deepawali) से आठ दिन पहले रखा जाता है। इसकी महिमा का वर्णन पद्म पुराण में भी किया गया है। अहोई अष्टमी का यह व्रत महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती हैं। 

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वहीं यदि कोई नि: संतान महिला भी इस व्रत को रखती हैं तो उसे भी संतान की प्राप्ति अवश्य होती है। यदि आप भी अहोई अष्टमी के इस व्रत रखना चाहती हैं और आपको इस व्रत की पूजा विधि के बारे में नहीं पता है तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए डालते हैं अहोई अष्टमी की पूजा विधि पर एक नजर...

अहोई अष्टमी की पूजा विधि (Ahoi Ashtami Puja Vidhi)

1. अहोई अष्टमी के दिन महिलाओं को सुबह जल्दी उठकर घर को अच्छी तरह से सफाई करनी चाहिए। इसके बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए।

2.इसके बाद शाम के समय दीवार पर गेरू से अहोई माता का चित्र बनाना चाहिए। आजकर बजारों में अहोई माता का चित्र भी आसानी से उपलब्ध हो जाता है। इस चित्र में स्याहु माता और उनके सात पुत्र अवश्य होने चाहिए।

3.इसके बाद एक चावल की कटोरी में मूली और सिंघाड़े और पानी से भरा एक करवा या लोटा रखें। अगर यह करवा, करवा चौथ का हो तो ज्यादा अच्छा है। 

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4. इसके बाद अहोई अष्टमी की कथा सुनें। कहानी सुनते समय हाथ में लिए गए चावलों को साड़ी के पल्लू से बांध लें। इसके बाद अहोई माता को चौदह पूरी और आठ को पूओं का भोग लगाएं 

5. अंत में तारों की छांव में चावलों के साथ अर्ध्य दें और माता को अर्पित किया गया भोजन किसी गाय को खिला दें और इस दिन किसी ब्राह्मण को भी भोजन अवश्य भेजें।


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