Sharad Purnima Ki Puja Vidhi: यहां जानें शरद पूर्णिमा की संपूर्ण पूजा विधि
Sharad Purnima Ki Puja Vidhi |
Sharad Purnima Ki Puja Vidhi: भारत के कुछ हिस्सों में शरद पूर्णिमा को अश्विन पूर्णिमा और कोजागरी पूर्णिमा (Ashwin Purnima and Kojagari Purnima) के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन किसान अपनी फसल की कटाई के लिए शरद पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी की पूजा (Goddess Laxmi Puja) करते हैं। लोग समृद्धि और प्रचुरता के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं।
यह दिन वर्षा ऋतु के अंत का प्रतीक है। शरद शब्द ही शरद ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है। शरद पूर्णिमा का बड़ा धार्मिक महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था और जो कोई भी उनकी विशेष पूजा करता है उसे देवी का आशीर्वाद मिलता है।
कई भक्त इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखते हैं और उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं, यदि आप भी इस दिन मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करते हैं और आपको इस शरद पूर्णिमा की पूजा विधि के बारे में नहीं पता है तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए डालते हैं शरद पूर्णिमा की पूजा विधि पर एक नजर...
शरद पूर्णिमा की पूजा विधि (Sharad Purnima Ki Puja Vidhi)
1. शरद पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर किस पवित्र नदी में स्नान अवश्य करें।
2. इसके बाद एक चौकी पर गंगाजल डालकर उसे शुद्ध कर लें और फिर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर माता लक्ष्मी की मुर्ति या तस्वीर स्थापित करें और उन्हें लाल पुष्प, नैवैद्य, इत्र, सुगंधित चीजें चढ़ाएं।
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3.यह सभी चीजे अर्पित करने के बाद माता लक्ष्मी के मंत्र और लक्ष्मी चालीसा का पाठ अवश्य करें और उनकी धूप व दीप से आरती उतारें।
4. इसके बाद माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं और किसी ब्रा ह्मण को इस दिन खीर का दान अवश्य करें।
5. शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की रोशनी में खीर अवश्य रखें और अगले दिन उसे पूरे परिवार के साथ मिल बांटकर खाएं।
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