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Saraswati Puja 2022 October: सरस्वती पूजा 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि


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Saraswati Puja 2022 October


Saraswati Puja 2022 October: शारदीय नवरात्रि  (Shardiya Navratri) पर अष्टमी तिथि पर सरस्वती आहवाहन के बाद नवमी तिथि पर मां सरस्वती की विधिवत पूजा की जाती है। जिसे सरस्वती पूजा के नाम से जाना जाता है। चार दिनों तक चलने वाला यह त्योहार विशेष रूप से दक्षिण भारत में मनाया जाता है। लेकिन बंगाल में भी कई जगहों पर इस त्योहार को मनाया जाता है, तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं सरस्वती पूजा 2022 में कब है (Saraswati Puja 2022 Mein Kab Hai), सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त (Saraswati Puja Ka Shubh Muhurat), सरस्वती पूजा का महत्व और मां सरस्वती की पूजा विधि (Saraswati Puja Importance and Saraswati Puja Vidhi)

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सरस्वती पूजा का महत्व (Saraswati Puja Ka Mahatva)

9 दिनों तक चलने वाली नवरात्रि, जिसे शारदीय नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है, पूरे देश में विभिन्न तरीकों से मनाई जाती है।भारत के पूर्वी, पश्चिमी और उत्तरी भागों में नवरात्रि का त्योहार देवी दुर्गा के विभिन्न 9 रूपों की पूजा करके मनाया जाता है और दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। 

वहीं दक्षिण भारत के राज्यों केरल और तमिलनाडु में नवरात्रि के आखिरी दिन 9वें दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती हैं। यह उत्सव तीन दिनों तक मनाया जाता है और फिर देवी सरस्वती का विसर्जन कर दिया जाता है। 

देवी सरस्वती को ज्ञान, संगीत, कला और ज्ञान की देवी माना जाता है। माता सरस्वती ज्ञान और संगीत की देवी मानी जाती है। मां सरस्वती को हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार इस ब्रह्मांड के निर्माता भगवान ब्रह्मा की पत्नी के रूप में जाना जाता है।

मां सरस्वती की पूजा विधि (Goddess Saraswati Puja Vidhi)

1.सरस्वती आवाहन के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद पीले या सफेद रंग के वस्त्र ही धारण करें।

2. इसके बाद एक साफ चौकी लें और उस पर गंगाजल छिड़कर कर सफेद रंग का वस्त्र बिछाएं।

3. चौकी पर कपड़ा बिछाने के बाद मां सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।

4. माता सरस्वती की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करने के बाद उन्हें सफेद या पीले रंग फूल और सफेद चंदन अर्पित करें। इसके बाद मां सरस्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।

5. यह सभी वस्तुएं अर्पित करने के बाद मां सरस्वती के आगे धूप व दीप जलाएं और ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः मंत्र का जाप करें। 

6. मंत्र जाप के बाद माता सरस्वती के चरणों में गुलाल अर्पित करें और मां सरस्वती की विधिवत पूजा करें।

7. मां सरस्वती की पूजा करने के बाद पुस्तकों और वाद्य यंत्रों की भी पूजा करें 

8. इसके बाद मां सरस्वती की कथा पढ़ें या सुनें और मां सरस्वती की धूप व दीप से आरती उतारें। 

9.मां सरस्वती की आरती उतारने के बाद उन्हें मालपुआ और खीर का भोग लगाएं।

10.इसके बाद माता सरस्वती से किसी भी प्रकार की भूल के लिए क्षमा याचना अवश्य करें और मालपुआ और खीर घर के सभी लोगों के बीच बाटें।

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सरस्वती पूजा 2022 तिथि (Saraswati Puja 2022 Date)

3 अक्टूबर 2022

सरस्वती पूजा 2022 शुभ मुहूर्त (Saraswati Puja 2022 Shubh Muhurat)

पूर्वाषाढा पूजा मुहूर्त - सुबह 6 बजकर 55 मिनट से सुबह 9 बजकर 17 मिनट तक (3 अक्टूबर 2022)

पूर्वाषाढा नक्षत्र प्रारम्भ - शाम 4 बजकर 23 मिनट से (2 अक्टूबर 2022)

पूर्वाषाढा नक्षत्र समाप्त -  अगले दिन दोपहर 2 बजकर 55 मिनट तक (3 अक्टूबर 2022)

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