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Navpatrika Puja 2022 Kab Hai: नवपत्रिका पूजा 2022 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त,महत्व और पूजा विधि


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Navpatrika Puja 2022 Kab Hai
Navpatrika Puja 2022 Kab Hai: नवरात्रि की सप्तमी तिथि को नवपत्रिका की पूजा की जाती है। इस नवपत्रिका को तैयार करने में नौ अलग-अलग तरह की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है। महासप्तमी के दिन नवपत्रिका की पूजा का खास महत्व होता है। क्योंकि नवपत्रिका को मां दुर्गा के स्वरूपों का प्रतीक माना जाता है तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं नवपत्रिका पूजा 2022 में कब है (Navpatrika Puja 2022 Mein Kab Hai), नवपत्रिका पूजा का शुभ मुहूर्त (Navpatrika Puja Ka Shubh Muhurat), नवपत्रिका पूजा का महत्व और नवपत्रिका पूजा विधि (Navpatrika Puja Importance and Navpatrika Puja Vidhi)

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नवपत्रिका पूजा का महत्व (Navpatrika Puja Ka Mahatva)

नवपत्रिका पूजा नवरात्रि की सप्तमी तिथि को की जाती है। महासप्तमी के दिन इस पूजा का खास महत्व होता है। इस पूजा में नौ अलग-अलग पेड़ों की पत्तियों को मिलाकर नवपत्रिका तैयार की जाती है। जिन्हें भगवान गणेश की पत्नी माना जाता है। महासप्तमी की सुबह नवपत्रिका यानी नौ तरह की पत्तियों से मिलाकर बनाए गए गुच्छे की पूजा कर मां दुर्गा का आह्वाहन किया जाता है। 

इन नौ पत्तियों को मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का प्रतीक माना जाता है। इन नौ तरह की पत्तियों को सूर्योदय से पहले गंगाजल या किसी पवित्र नदी के जल से स्नान कराया जाता है। इस स्नान को महास्नान कहा जाता है। नवपत्रिका का इस्तेमाल दुर्गा पूजा में ही होता है और इसे महासप्तमी के दिन पूजा के पंडाल में रखा जाता है। नवपत्रिका तैयार करने में केला, कच्वी, हल्दी,जौं,बेलपत्र,अनार, अशोक,मनका और धान के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है। 

नवपत्रिका पूजा विधि (Navpatrika Puja Vidhi)

1. नवरात्रि की सप्तमी तिथि को नवपत्रिका पूजा जाती है। नवपत्रिका नौ अलग-अलग तरह की पत्तियों को मिलाकर तैयार किया जाता है। जिसमें  केला, कच्वी, हल्दी,जौं,बेलपत्र,अनार, अशोक,मनका और धान के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है। 

2. इसके बाद इस नवपत्रिका को  सबसे पहले गंगाजल से स्नान कराया जाता है। इसके बाद बारिश के पानी, सरस्वती नदी के जल, समुद्र के जल,कमल वाले तालाब का पानी और फिर झरने के पानी से नवपत्रिका को स्नान कराया जाता है। 

3. नवपत्रिका को स्नान कराने के बाद लाल  साड़ी पहनाई जाती है। मान्यता है कि नवपत्रिका को नई नवेली दुल्हन की तरह सजाना चाहिए। 

4.इसके बाद इसे पंडाल में मां दुर्गा की प्रतिमा के साथ रखा जाता है और मां दुर्गा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद विधिवत पूजा की जाती है।

5.नवपत्रिका को पूजा के स्थान पर ले जाकर इस पर चंदन और फूल आदि अर्पित किए जाते हैं। इसके बाद इसे गणेश प्रतिमा के दहिनी ओर रखा जाता है और अंत में मां दुर्गा की महाआरती के बाद भक्तों के बीच प्रसाद बांटा जाता है। 

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नवपत्रिका पूजा 2022 तिथि (Navpatrika Puja 2022 Date)

2 अक्टूबर 2022

नवपत्रिका पूजा 2022 शुभ मुहूर्त (Navpatrika Puja 2022 Shubh Muhurat)

नवपत्रिका के दिन अरुणोदय - सुबह 6 बजकर 26 मिनट (2 अक्टूबर 2022)

सप्तमी तिथि प्रारम्भ - सुबह 11 बजकर 16 मिनट से (1 अक्टूबर  2022 )

सप्तमी तिथि समाप्त - अगले दिन सुबह 09 बजकर 17 मिनट तक (2 अक्टूबर  2022)

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