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Sheetala Ashtami Significance: जानिए क्या है शीतला अष्टमी का महत्व

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Sheetala Ashtami Significance


Sheetala Ashtami Significance: शीतला अष्टमी को 'बसोड़ा पूजा' (Basoda Festival) के नाम से भी जाना जाता है। यह देवी शीतला को समर्पित एक हिंदू त्योहार है जो 'चैत्र' माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनया जाता है। कुछ समुदायों में यह पर्व होली के त्योहार (Holi Festival) के आठ दिनों के बाद पड़ने वाले पहल गुरुवार या सोमवार को मनाया जाता है। इसके अलावा कुछ क्षेत्रों में, शीतला अष्टमी हर महीने के कृष्ण पक्ष की 'अष्टमी' को मनाई जाती है। चैत्र कृष्ण पक्ष अष्टमी को सबसे शुभ माना जाता है।

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इस दिन विशेष रूप से माता शीतला की पूजा की जाती है और बासी भोजन का भोग माता को लगाकर उसी भोजन को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है और उनसे प्रार्थना की जाती है कि वह उन्हें और उनके परिवार की गंभीर बिमारियों से रक्षा करें। ऐसा इसलिए किया जाता है। क्योंकि माता शीतला को शीतलता की देवी माना जाता है। इसके अलावा और क्या है शीतला अष्टमी का महत्व आइए जानते हैं।

शीतला अष्टमी का महत्व (Sheetala Ashtami Importance)

माता शीतला को शीतलता की देवी माना जाता है। इसी कारण शीतला अष्टमी के दिन मां शीतला की पूरे विधि विधान से पूजा- अर्चना की जाती है।इस दिन माता शीतला को बासी भोजन का भोग लगाकर उस भोजन को ग्रहण किया जाता है। इसी कारण से शीतला अष्टमी को बासोड़ा के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि शीतला अष्टमी के दिन जिस घर में भी पूरे विधि विधान से माता शीतला की पूजा होती है। उस घर के लोगों को माता शीतला सभी प्रकार के रोगो से बचाती है और इसके साथ ही माता शीतला उस घर के लोगों के मन को शीतल करके उनके सभी पापों को नष्ट करती हैं। 

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शीतला अष्टमी से एक दिन पहले यानी सप्तमी तिथि की रात को ही भोजन बना लिया जाता है और सुबह उठकर घर की ग्रहणी माता शीतला की पूजा करके उन्हें इस भोजन का भोग लगाती हैं और इसी भोजन को प्रसाद स्वरूप घर के सभी लोग ग्रहण करते हैं। शीतला अष्टमी के दिन घर में चूल्हा बिल्कुल भी नहीं जलाया जाता। इस दिन इस नियम का पालन करना बहुत ही अनिवार्य माना जाता है और यदि कोई इस नियम का पालन नहीं करता तो उसे माता शीतला के क्रोध का सामना करना पड़ता है। वैसे चैत्र मास के कृष्ण की अष्टमी तिथि के अलावा वैशाख, ज्येष्ठ और आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर माता शीतला की पूजा की जाती है।


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