Sita Navami Importance: यहां जानें सीता नवमी का महत्व
सीता नवमी का महत्व (Sita Navami Ka Mahatva)
माता सीता मिथिला के राजा जनक की दत्तक पुत्री थीं, इसलिए उन्हें जानकी के नाम से भी पुकारा जाता है। इसलिए सीता नवमी को जानकी नवमी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि जब राजा जनक यज्ञ करने के पश्चात् खेत की जुताई कर रहे थे तो उन्हें खेत के अंदर एक सोने का ताबूत मिला और जब इस ताबूत को खोला गया तो उसमें से एक बच्ची मिली।
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जिसके बाद राजा जनक ने उस बच्ची को अपना लिया और जुताई वाली जमीने से मिलने के कारण उन्होंने उस बच्ची का नाम सीता रख दिया। सीता नवमी का दिन सुहागन स्त्रियों के लिए बहुत ही विशेष माना जाता है। इस दिन सुहागन स्त्रियां व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र के लिए माता सीता से प्रार्थना करती हैं।
इसके अलावा इस दिन माता भगवान श्री राम और माता सीता की पूजा करने से घर में सुख और शांति बनी रहती है। इसलिए सीता नवमी को अत्यंत ही विशेष माना जाता है।इस दिन मंदिरों में दर्शन, आरती और महाअभिषेक किया जाता है। देवी सीता, भगवान राम हनुमान और लक्ष्मण की मूर्ति लेकर यात्रा की जाती है। इसके अलावा मंदिरों में समूह में बैठकर रामायण का पाठ किया जाता है और भजन कीर्तन आदि भी किया जाता है।
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