Ganga Dussehra Puja Vidhi: यहां जानें गंगा दशहरा की संपूर्ण पूजा विधि
Ganga Dussehra Puja Vidhi |
Ganga Dussehra Puja Vidhi: भारतीय संस्कृति में गंगा दशहरा का विशेष महत्व है। भारत त्योहारों का देश है, जहां हर त्योहार खुशी और उल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत में त्योहार सिर्फ धार्मिक गतिविधियां नहीं हैं बल्कि जीवन और उत्सव से जुड़े हैं। गंगा दशहरा को गंगा गंगावतार/जेठ का दशहरा (Ganga Gangavatara/Jeth Ka Dussehra) भी कहा जाता है। इस त्योहार के दौरान गंगा नदी में स्नान को विशेष महत्व दिया जाता है। राजा भागीरथ के पूर्वजों पर लगे श्राप को हटाने के लिए मां गंगा (Maa Ganga) इसी दिन पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं।
इस दिन गंगा पूजा को विशेष महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि इस दिन गंगा नदी में स्नान करने और उनकी पूजा करने से जीवन के सभी पाप धूल जाते हैं। यदि आप भी गंगा दशहरा पर मां गंगा की पूजा करना चाहते हैं तो आज हम आपको गंगा दशहरा की पूजा विधि के बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं गंगा दशहरा की पूजा विधि।
गंगा दशहरा की पूजा विधि (Ganga Dussehra Puja Vidhi)
1. गंगा दशहरा के दिन मुख्य रूप से गंगा नदी में स्नान किया जाता है। इस सबसे पहले साधक को सूर्योदय से पूर्व उठना चाहिए और उसके बाद पवित्र गंगा नदी में स्नान करना चाहिए।
2. गंगा स्नान करते समय साधक को 'ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः' मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। इसके बाद 'ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै स्वाहा' मंत्र से हवन करना चाहिए।
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3. इसके बाद ' ऊँ नमो भगवति ऐं ह्रीं श्रीं (वाक्-काम-मायामयि) हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा.' इस मंत्र से पांच पुष्पाञ्जलि अर्पण करके भगीरथ हिमालय के नाम- मंत्र से पूजन करें।
4. इस दिन दान की संख्या दस की होनी चाहिए इसलिए 10 फल, 10 दीपक और 10 सेर तिल का 'गंगायै नमः' कहकर दान करें।
5. अंत में पूजा के बाद किसी निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को 10 की संख्या में खाने की चीजे दान करें।
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