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Guru Purnima 2024 Date and Time: गुरु पूर्णिमा 2024 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त और गुरु पूर्णिमा की कथा

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Guru Purnima 2024 Date and Time

Guru Purnima 2024 Date and Time: आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) मनाई जाती है। माना जाता है कि इस वेदों के रचयिता महार्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। महार्षि वेदव्यास (Maharishi Vedvyas) के जन्म पर सदियों से गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन की परंपरा चली आ रही है। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा (Vyas Purnima) के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में कुल पुराणो की संख्या 18 है। इन रचयिता महार्षि वेदव्यास जी हैं तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं गुरु पूर्णिमा 2024 में कब है (Guru Purnima 2024 Mein Kab Hai), गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त (Guru Purnima Shubh Muhurat) और गुरु पूर्णिमा की कथा (Guru Purnima Story)

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गुरु पूर्णिमा 2024 तिथि (Guru Purnima 2024 Tithi)

21 जुलाई 2024

गुरु पूर्णिमा 2024 शुभ मुहूर्त (Guru Purnima 2024 Shubh Muhurat)

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ -  शाम 5 बजकर 59 मिनट से (20 जुलाई 2024)

पूर्णिमा तिथि समाप्त - अगले दिन दोपहर 3 बजकर 46 मिनट तक (21 जुलाई 2024)

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गुरु पूर्णिमा की कथा (Guru Purnima Ki Katha)

गुरु पूर्णिमा का पर्व महर्षि वेदव्यास को समर्पित है। वेद, उपनिषद और पुराणों का पाठ करने वाले महर्षि वेद व्यास जी को मानव जाति का पहला गुरु माना गया है। ऐसा माना जाता है कि महर्षि वेद व्यास का जन्म आज से लगभग 3000 ई. पूर्व हुआ था। महर्षि वेदव्यास जी का जन्म आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हुआ था और हर साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। 

इसलिए कई लोग इस दिन महर्षि वेदव्यास की तस्वीर की पूजा करते हैं। मान्यता है कि इसी दिन महर्षि वेद व्यास जी ने सबसे पहले अपने शिष्यों और ऋषियों को भगवत गीता का ज्ञान दिया था। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार महर्षि वेदव्यास जी को तीनों कालों का ज्ञाता माना जाता है। हिन्दू धर्म के चार वेदों में विभाजित। महर्षि वेदव्यास जी ने श्रीमद्भागवत की रचना की और अठारह पुराणों की रचना की।

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