Guru Purnima Importance: जानिए क्या है गुरु पूर्णिमा का महत्व
Guru Purnima Importance: गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। पुराणों के अनुसार इसी दिन वेदों के रचयिता महार्षि वेदव्यास (Maharishi Ved Vyas) का भी जन्म हुआ था। इसी कारण इस दिन गुरु पूजन को बहुत ही महत्व दिया जाता है। हिंदू धर्म में कुल 18 पुराण हैं और इन सभी के रचयिता महार्षि वेदव्यास जी को ही माना जाता है। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा (Vyas Purnima) के नाम से भी जानता है। इसके अलावा क्या है गुरु पूर्णिमा का महत्व (Guru Purnima Significance) ...
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गुरु पूर्णिमा का महत्व (Guru Purnima Importance)
गुरु पूर्णिमा का व्रत हर साल आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को किया जाता है। गुरु को भारतीय संस्कृति में देवता के सामान पूजनीय माना गया है। पुराणों में बताया गया है कि गुरु ब्रह्मा के सामान हैं और मनुष्य योनी में किसी एक विशेष व्यक्ति को गुरु बनाना बेहद जरूरी है।
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क्योंकि गुरु अपने शिष्य को ज्ञान देकर उन्हें सही राह दिखाते हैं। इसलिए गुरु पूर्णिमा के दिन बहुत से लोग अपने ब्रह्मलीन गुरु या संतो के चरण एंव उनकी चरण पादुकाओं की पूजा अर्चना करते हैं।
गुरु पूर्णिमा के दिन अनेक मंदिरों और मठों पर गुरुओं की पूजा-अर्चना होती है।गुरु पूर्णिमा के दिन सबसे पहले घर की उत्तर दिशा में एक सफेद वस्त्र पर अपने गुरु का चित्र रख दें फिर उन्हें फूलों की माला पहनाकर मिठाई का भोग लगाएं और फिर उनकी आरती उतारकर उनका आर्शीवाद प्राप्त करें।
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