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Kokila Vrat Puja Vidhi: यहां जानें कोकिला व्रत की संपूर्ण विधि


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Kokila Vrat Puja Vidhi

Kokila Vrat Puja Vidhi: कोकिला व्रत आषाढ़ मास की पूर्णिमा को रखा जाता है। उत्तर भारत के कुछ भागों में यह व्रत केवल उसी वर्ष मनाया जाता है, जब अधिक आषाढ़ आता है। भारत के दक्षिणी और पश्चिमी इलाकों में यह व्रत हर साल मनाया जाता है। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा (Lord Shiva and Goddess Parvati) की जाती है। माना जाता है कि जो भी सुहागन महिला इस व्रत को रखता ही वह अखंड सौभाग्यवती बन जाती है और उसके वैवाहिक जीवन में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आती और वहीं यदि कोई अविवाहित लड़की इस व्रत को रखती है तो उसे मन चाहे वर की प्राप्ति होती है। अगर आप भी इस व्रत को रखना चाहती हैं और इस व्रत की पूजा विधि के बारे में नहीं जानती तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए डालते हैं कोकिला व्रत की पूजा विधि (Kokila Vrat Puja Vidhi) पर एक नजर...

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कोकिला व्रत की पूजा विधि (Kokila Vrat Pujan Vidhi)

1. कोकिला व्रत करने वाली महिला को सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए। यदि आप किसी कुंड या पवित्र नदी में स्नान करती हैं तो यह अत्यंत ही शुभ होता है।

2. इसके बाद एक साफ चौकी पर गंगाजल छिड़कर कर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करनी चाहिए और साथ ही एक मिट्टी से बनी कोयल की भी पूजा करनी चाहिए

3.पूजा में भगवान शिव को जल, पुष्प, बेलपत्र, दूर्वा, धूप, दीप आदि अवश्य अर्पित करने चाहिए और साथ ही माता पार्वती को श्रृंगार की वस्तुएं और वस्त्र आदि अर्पित करने चाहिए।

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4. इसके बाद कोकिला व्रत की कथा अवश्य सुने और फिर अंत में धूप व दीप से भगवान शिव और माता पार्वती का आरती करें।

5. अंत में भगवान शिव और माता पार्वती से पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा याचना अवश्य करें और सूर्यास्त के बाद पूजा अर्चना करके फलाहार ग्रहण करें।


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