Varalakshmi Vratham 2024 Date and Time: वरलक्ष्मी व्रत 2024 में कब है, जानिए शुभ मुहूर्त और वरलक्ष्मी व्रत की कथा
16 अगस्त 2024
वरलक्ष्मी व्रत 2024 शुभ मुहूर्त (Varalakshmi Vratham 2024 Shubh Muhurat)
सिंह लग्न पूजा मुहूर्त (प्रातः) - सुबह 5 बजकर 57 मिनट से सुबह 8 बजकर 14 मिनट तक (16 अगस्त 2024)
वृश्चिक लग्न पूजा मुहूर्त (अपराह्न) - दोपहर 12 बजकर 50 मिनट से दोपहर 3 बजकर 8 मिनट तक (16 अगस्त 2024)
कुम्भ लग्न पूजा मुहूर्त (सन्ध्या) - शाम 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 22 मिनट तक (16 अगस्त 2024)
वृषभ लग्न पूजा मुहूर्त (मध्यरात्रि) - रात 11 बजकर 22 मिनट से रात 01 बजकर 18 मिनट तक (17 अगस्त 2024)
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ऐसी कुछ कहानियां हैं जो वरलक्ष्मी व्रत के महत्व को दर्शाती हैं। उनमें से एक है "श्यामबाला" की कहानी। रानी सुरा चंद्रिका और राजा बथरासिरव की श्यामबाला नाम की एक बेटी थी। जिसका विवाह पड़ोसी राज्य के राजकुमार से कर दिया गया।
एक बार श्यामबाला अपने माता-पिता के राज्य में थीं, जब उन्होंने देखा कि उनकी मां रानी सुरा चंद्रिका एक बूढ़ी औरत को बाहर निकाल रही थीं। क्योंकि बुढ़िया ने उनकी मां से वरलक्ष्मी व्रत रखने और वरलक्ष्मी पूजा करने के लिए कहा था। लेकिन रानी ने उसे जाने के लिए कहा और उसकी बात नहीं मानी क्योंकि बुढ़िया एक भिखारिन थी।
हालांकि, बेटी श्यामबाला ने बुढ़िया की बात मान ली और वरलक्ष्मी व्रत के महत्व को ध्यान से सुना। अपने राज्य में वापस लौटने के बाद, श्यामबाला ने वरलक्ष्मी व्रत रखा और बुढ़िया के निर्देशानुसार वरलक्ष्मी पूजा की। उस दिन से राजकुमार को उसके अच्छे शासन के लिए सराहना मिलने लगी और राज्य दिन-ब-दिन गौरवान्वित और समृद्ध होने लगा।
हालांकि दूसरी तरफ श्यामबाला के माता-पिता को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। लोग उनके खिलाफ विद्रोह कर रहे थे। थोड़े ही समय में उन्होंने अपनी सारी संपत्ति भी खो दी। यह सुनकर श्यामबाला ने उन्हें सोने के बर्तन भेजे। लेकिन जैसे ही रानी सुरचंद्रिका की नजर उन पर पड़ी, वे भी राख में बदल गए।
यह घटना सुनकर श्यामबाला को वह घटना याद आ गई जब उसकी मां उस बुढ़िया को भगा रही थी। उसे एहसास हुआ कि वह बुढ़िया कोई और नहीं बल्कि छिपी हुई देवी लक्ष्मी थी। इस बात का एहसास होने पर श्यामबाला ने रानी को वरलक्ष्मी व्रत रखने और महल में वरलक्ष्मी पूजा करने के लिए कहा।
रानी ने वैसा ही किया और एक बार फिर पुराना गौरव हासिल करने में सफल रहीं। वरलक्ष्मी पूजा दक्षिण भारत में काफी लोकप्रिय है और यह त्योहार देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने और अपने जीवन में धन और समृद्धि लाने के लिए पुरुषों और महिलाओं द्वारा समान रूप से मनाया जाता है।
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