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Varalaxmi Vratham Puja Vidhi: यहां जानें वरलक्ष्मी व्रत की संपूर्ण पूजा विधि

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Varalaxmi Vratham PujaVidhi

Varalaxmi Vratham Puja Vidhi: वरलक्ष्मी व्रत विष्णु (Goddes Vishnu) की पत्नी देवी लक्ष्मी (Goddes Laxmi) को समर्पित है। यह व्रत आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों में विवाहित महिलाओं द्वारा किया जाता है। 'वर लक्ष्मी व्रत' श्रावण माह के दूसरे शुक्रवार या पूर्णिमा से पहले वाले शुक्रवार को पड़ता है। विवाहित महिलाएं परिवार के सभी सदस्यों की भलाई और संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी की प्रार्थना करना।

अष्टलक्ष्मी और धन, पृथ्वी, विद्या, प्रेम, प्रसिद्धि, सुख, शांति और शक्ति की आठ देवियों की प्रार्थना करने के बराबर है। यदि आप भी वरलक्ष्मी व्रत करना चाहती हैं और आपको इस व्रत की पूजा विधि के बारे में नहीं पता है तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए डालते वरलक्ष्मी व्रत की पूजा विधि पर एक नजर...

वरलक्ष्मी व्रत की पूजा विधि (Varalaxmi Vratham Puja Vidhi)

1.माता लक्ष्मी को सफाई अत्याधिक प्रिय है, इसलिए वरलक्ष्मी व्रत की पूजा करने वाले साधक को सुबह सुबह जल्दी उठकर अपने घर की अच्छी तरह से साफ- सफाई करनी चाहिए।

2. इसके बाद स्नान आदि करके सफेद रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए और पूजा स्थल को गंगाजल छिड़क कर पवित्र करना चाहिए। 

3. पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कने के बाद एक चौकी पर गंगाजल डालकर उसे भी पवित्र कर लें और भगवान गणेश के साथ माता लक्ष्मी की मूर्ति पूर्व दिशा में स्थापित करें। 

4. इसके बाद माता लक्ष्मी को नए वस्त्र और गहने और कुमकुम आदि से सजाएं और इसके बाद एक कलश की स्थापना करें। 

5. कलश के अंदर पान, सुपारी, एक सिक्का रखें और उसके ऊपर आम के पत्ते रखकर एक नारियल पर चंदन, हल्दी और कुमकुम लगाकर उस पर स्थापित करें। 

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6.इसके बाद भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करके उनकी विधिवत पूजा करें और माता लक्ष्मी को लाल वस्त्र अर्पित करें 

7. माता लक्ष्मी को वस्त्र अर्पित करने के बाद अक्षत, फल, फूल, धूप व दीप से उनकी विधिवत पूजा करें। 

8. इसके बाद वरलक्ष्मी व्रत की कथा पढ़ें या सुने। 

10. कथा पढ़ने के बाद माता लक्ष्मी से पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा याचना अवश्य करें।

11. पूजा संपन्न होने के बाद महिलाओं के बीच प्रसाद का वितरण करें।


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