Vamana Jayanti Importance: जानिए क्या है वामन जयंती का महत्व
Vamana Jayanti Importance |
वामन जयंती का महत्व (Vamana Jayanti Ka Mahatva)
वामन जयंती भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को आती है। इसे वामन द्वादशी और वामन जयंती दोनों नामों से जाना जाता है। भगवान विष्णु ने त्रेता युग में इसी शुभ दिन श्रवण नक्षत्र के अभिजित मुहूर्त में मध्याह्न काल में अपना पांचवा अवतार लिया था। जिसे वामन नाम से जाना जाता है।
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इस अवतार को भगवान विष्णु ने राजा बलि से तीन पग धरती मांगने के लिए लिया था। क्योंकि उस समय राजा बलि तीनो लोकों पर अपना कब्जा करने के लिए यज्ञ कर रहे थे। जिसके बाद भगवान विष्णु ने वामन रूप रखकर दो ही पग में पूरे ब्राह्मांड को नाप लिया था। वामन जयंती परिवर्तनी एकादशी के दूसरे दिन आती है और इस दिन एकादशी के व्रत का पारण किया जाता है।
इसी कारण से वामन जयंती का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन भगवान विष्णु के वामन रूप की सच्चे मन से आराधना करता है। उसके जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते है और उसे सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।
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