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Vamana Jayanti Puja Vidhi: यहां जानें वामन जयंती की संपूर्ण पूजा विधि

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Vamana Jayanti Puja Vidhi

Vamana Jayanti Puja Vidhi: भाद्रपद शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को वामन जयंती मनाई जाती है। भागवत पुराण (Bhagavata Purana) के अनुसार, वामन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के दशावतार में से पांचवें और त्रेता युग में पहले अवतार थे। वामन देव का जन्म ऋषि माता अदिति और कश्यप के पुत्र के रूप में भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष द्वादशी को अभिजीत मुहूर्त में हुआ था।

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भगवान विष्णु ने यह अवतार राजा बलि को तीनों लोकों पर से कब्जा करने से रोकने के लिए लिया था। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन वामन देवता की विधिवत पूजा करता है, उसे संसार के सभी सुखों की प्राप्ति होती है। यदि आप भी वामन द्वादशी के दिन भगवान वामन की पूजा करना चाहते हैं तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो बिना किसी देरी के चलिए जानते हैं वामन द्वादशी की पूजा विधि...

वामन जयंती की पूजा विधि (Vamana Jayanti Ki Puja Vidhi)

1. वामन जयंती के दिन पूजा करने वाले व्यक्ति को सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।

2. इसके बाद एक साफ चौकी लेकर उस पर गंगाजल छिड़कर कर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर शालिग्राम जी को पंचामृत से स्नान करके स्थापित करें। क्योंकि शालिग्राम जी को भगवान विष्णु का ही रूप माना जाता है। 

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3. शालिग्राम जी के अलावा आप भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर भी स्थापित कर सकते हैं। इसके बाद उन्हें शालिग्राम जी को पीले रंग के वस्त्र पीले फूल,ऋतुफल और नैवेद्य आदि अर्पित करें।

4. यह सभी चीजें अर्पित करने के बाद धूप व दीप जलाकर विधिवत पूजा करें और फिर वामन जयंती की कथा पढ़े या सुने

5. इसके बाद धूप व दीप से शालिग्राम जी की आरती उतार कर उन्हें पीले रंग की मिठाई या खीर का भोग लगाएं।


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