Header Ads

Significance of Kali Puja: यहां जानें काली पूजा का महत्व

significance of kali puja kali puja importance kali puja ka mahatva
Significance of Kali Puja

Significance of Kali Puja: काली पूजा सबसे पवित्र हिंदू त्योहारों में से एक है और यह देवी दुर्गा (Goddess Durga) के भयानक रूप मां काली के अवतार को समर्पित है। इस दिन मां काली की पूजा (Goddess Kali Puja) स्वयं और अपने परिवार को बुरी और नकारात्मक शक्तियों से बचाने के लिए की जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, काली मां देवी दुर्गा की भौंह से प्रकट हुई थीं। काली को लोकप्रिय रूप से काल भोई नाशिनी (बुराई का नाश करने वाली) के नाम से भी जाना जाता है। 

काली मां की पूजा कार्तिक माह की अमावस्या को निशीथा समय (रात) के दौरान की जाती है। काली पूजा मुख्य रूप से देश के पूर्वी क्षेत्र जैसे पश्चिम बंगाल राज्य में बड़े उत्साह के साथ की जाती है। इस उत्सव में घरों और मंदिरों को मिट्टी के दीयों से रोशन करना शामिल है, जो अंधेरे को दूर करने का प्रतीक है। इसके अलावा और क्या है काली पूजा की महत्व आइए जानते हैं...

काली पूजा का महत्व (Kali Puja Ka Mahatva)

दिवाली के दिन पूरे भारत में भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। लेकिन पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और असम में इस दिन भगवान गणेश और लक्ष्मी जी के साथ-साथ मां काली की भी पूजा की जाती है। इस दिन मां काली की पूजा मध्यरात्रि में की जाती है। 

ये भी पढ़ें- Narak Chaturdashi Significance: जानिए क्या है नरक चतुर्दशी का महत्व

माना जाता है कि दिवाली के दिन मां काली की पूजा करने से विशेष सिद्धियों की प्राप्ति होती है। इसी कारण से इस दिन लोग अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए मां काली की पूजा करते हैं। दिवाली के दिन की जाने वाली इस पूजा को श्यामा पूजा के नाम से भी जाना जाता है। 

पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और असम के लोगों के लिए तो यह दिन काफी खास होता है। क्योंकि इस दिन यहां के लोग मां काली की विशेष पूजा करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। शास्त्रों के अनुसार दिवाली की रात को सिद्धि प्राप्त करने की रात माना जाता है। इसलिए इस दिन कई तांत्रिक भी मां काली पूजा करके उन्हें प्रसन्न करते हैं।


कोई टिप्पणी नहीं

If you have and doubts. Please Let Me Know

Blogger द्वारा संचालित.