Mahalaxmi Vrat ki Puja Vidhi: जानिए क्या है महालक्ष्मी व्रत की संपूर्ण पूजा विधि
Mahalaxmi Vrat ki Puja Vidhi |
महालक्ष्मी व्रत की पूजा विधि (Mahalaxmi Vrat Puja Vidhi)
1. महालक्ष्मी व्रत के दिन महिलाओं को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर साफ वस्त्र धारण करने चाहिए और फिर घर के आंगन में चावल के घोल का अल्पना बनाएं। जिसमें मां लक्ष्मी के पैर अवश्य हो।
2.अल्पना के बाद करिष्य हं महालक्ष्मि व्रतमें त्वत्परायणा ।तदविध्नेन में यातु समप्तिं स्वत्प्रसादत: ।। मंत्र का जाप करके व्रत का संकल्प लें।
3.इसके बाद हाथ की कलाई पर 16 गांठों वाला धागा बांधना चाहिए। इसके बाद माता लक्ष्मी का आसन आम के पत्तों से सजाएं। इसके लिए आंवले का पत्ता और धान की बालियों भी अवश्य लें।
4. इसके बाद कलश स्थापित करें और भगवान गणेश और गज लक्ष्मी का चित्र स्थापति करें। भगवान गणेश के साथ कलश की भी पूजा करें। भगवान गणेश के बाद कलश की पूजा भी अवश्य करें।
5.कलश पूजन के बाद मां लक्ष्मी को पुष्प माला, नैवेध, अक्षत,सोना या चांदी आदि सभी चीजें अर्पित करें और उनकी विधिवत पूजा करें।
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6. इसके बाद महालक्ष्मी व्रत की कथा पढ़े या सुने और फिर माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें।
7. मंत्र जाप के बाद माता लक्ष्मी की धूप व दीप से आरती उतारें।
8.सुबह पूजा करने के बाद शाम के समय भी मां लक्ष्मी की इसी विधि से पूजा करें और दीप जलाएं।
9.एक दीप मां लक्ष्मी के आगमन के लिए अपने घर के बाहर भी अवश्य जलाएं।
10.इसके बाद चंद्रमा को अर्ध्य भी अवश्य दें और घर की बहु बेटियों और पड़ोस की सुहागन महिलाओं को भी अवश्य भोजन कराएं।
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