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Navpatrika Puja Importance: जानिए क्या है नवपत्रिका पूजा का महत्व

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Navpatrika Puja Importance

Navpatrika Puja Importance: नवपत्रिका, जिसे कोलाबौ या कलाबौ पूजा (Kolabou or Kalabou Puja) के नाम से भी जाना जाता है, जो दुर्गा पूजा (Durga Puja) का एक अभिन्न अंग है, यह पर्व मुख्य रूप से भारत के पूर्वी हिस्सों खासकर बंगाल में मनाया जाता है। इस पारंपरिक अनुष्ठान का गहरा आध्यात्मिक महत्व है और यह देवी दुर्गा की पूजा का एक अनिवार्य पहलू है। इसके अलावा और क्या है नवपत्रिका पूजा का महत्व आइए जानते हैं..

नवपत्रिका पूजा का महत्व (Navpatrika Puja Ka Mahatva)

नवपत्रिका पूजा नवरात्रि की सप्तमी तिथि को की जाती है। महासप्तमी के दिन इस पूजा का खास महत्व होता है। इस पूजा में नौ अलग-अलग पेड़ों की पत्तियों को मिलाकर नवपत्रिका तैयार की जाती है। जिन्हें भगवान गणेश की पत्नी माना जाता है। 

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महासप्तमी की सुबह नवपत्रिका यानी नौ तरह की पत्तियों से मिलाकर बनाए गए गुच्छे की पूजा कर मां दुर्गा का आह्वाहन किया जाता है। इन नौ पत्तियों को मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का प्रतीक माना जाता है। इन नौ तरह की पत्तियों को सूर्योदय से पहले गंगाजल या किसी पवित्र नदी के जल से स्नान कराया जाता है।

 इस स्नान को महास्नान कहा जाता है। नवपत्रिका का इस्तेमाल दुर्गा पूजा में ही होता है और इसे महासप्तमी के दिन पूजा के पंडाल में रखा जाता है। नवपत्रिका तैयार करने में केला, कच्वी, हल्दी,जौं,बेलपत्र,अनार, अशोक,मनका और धान के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है। 


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